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भारतीय रेलवे ने टिकट बुकिंग नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए

भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए टिकट बुकिंग प्रणाली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए 'RailOne' ऐप के माध्यम से यात्री आरक्षित और अनारक्षित टिकट बुक कर सकते हैं। इसके अलावा, लोअर बर्थ आवंटन के लिए विशेष नियम और सोने के समय की व्यवस्था भी लागू की गई है। जानें इन नए नियमों के बारे में विस्तार से।
 

नई टिकट बुकिंग प्रणाली में सुधार

नई दिल्ली - भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए अपनी टिकट बुकिंग प्रणाली में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए हैं। इस वर्ष की शुरुआत में, रेलवे ने ‘RailOne’ नामक एक सुपर ऐप लॉन्च किया, जो यात्रियों को आरक्षित (Reserved) और अनारक्षित (Unreserved) दोनों प्रकार के टिकट बुक करने की सुविधा प्रदान करता है। यह ऐप रेलवे से संबंधित सभी यात्री सेवाओं के लिए एक वन-स्टॉप समाधान के रूप में कार्य करता है।


लोअर बर्थ आवंटन के लिए नई व्यवस्था

लोअर बर्थ आवंटन को लेकर नई व्यवस्था
यात्री अक्सर ऑनलाइन टिकट बुकिंग के दौरान 'लोअर बर्थ प्रेफरेंस' का विकल्प चुनने के बावजूद साइड अपर, मिडिल या अपर बर्थ पर सीट मिलने की शिकायत करते हैं। ऐसे में, यात्रियों के लिए यह आवश्यक है कि वे भारतीय रेलवे के नए लोअर बर्थ आरक्षण नियमों को समझें। रेलवे की कंप्यूटरीकृत आरक्षण प्रणाली में वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं और गर्भवती महिलाओं के लिए लोअर बर्थ आवंटित करने की विशेष व्यवस्था की गई है, जो सीट की उपलब्धता पर निर्भर करती है।


टिकट चेकिंग स्टाफ के अधिकार

रेलवे के नियमों के अनुसार, यदि बुकिंग के समय लोअर बर्थ उपलब्ध नहीं होती और किसी वरिष्ठ नागरिक या पात्र महिला को ऊपरी या मध्य बर्थ दी जाती है, तो ट्रेन में टिकट चेकिंग स्टाफ (TTE) को अधिकार है कि यदि कोई लोअर बर्थ यात्रा के दौरान खाली होती है, तो उसे ऐसे यात्रियों को आवंटित कर सके। ऑनलाइन टिकट बुकिंग करते समय यात्रियों के पास यह विकल्प भी होता है कि वे 'बुक ओनली इफ लोअर बर्थ इज अवेलेबल' (केवल तभी बुक करें जब लोअर बर्थ उपलब्ध हो) को चुनें। यदि यात्री यह विकल्प चुनता है और लोअर बर्थ उपलब्ध नहीं होती, तो टिकट बुक नहीं किया जाएगा। इससे यात्रियों को अपनी सीट पसंद के अनुसार यात्रा की सुविधा मिल सकती है।


बैठने और सोने के नियम

बैठने और सोने के नियम
भारतीय रेलवे के नियमों के अनुसार, रिजर्व्ड कोचों में रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक सोने का समय निर्धारित है। इस अवधि में यात्रियों को अपनी निर्धारित बर्थ पर सोने की अनुमति होती है। दिन के समय में सीट पर बैठने की व्यवस्था रहती है। विशेष रूप से, RAC टिकट वाले यात्रियों के लिए यह व्यवस्था है कि साइड लोअर बर्थ पर RAC यात्री और साइड अपर बर्थ पर बुक यात्री दोनों दिन के समय बैठने के लिए सीट शेयर करेंगे। लेकिन रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लोअर बर्थ का अधिकार केवल लोअर बर्थ वाले यात्री का होगा। रेलवे ने हाल ही में आरक्षित टिकटों की अग्रिम आरक्षण अवधि (ARP) को 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया है। यानी अब यात्री अपनी यात्रा की तारीख से 60 दिन पहले तक टिकट बुक कर सकते हैं।