महाराष्ट्र ATS ने जुबैर हंगरगेकर से जुड़े आतंकवाद के सबूत किए उजागर
जुबर हंगरगेकर की गिरफ्तारी और सबूत
महाराष्ट्र के आतंकवाद-निरोधक दस्ते (ATS) ने हाल ही में पुणे के सॉफ्टवेयर इंजीनियर जुबैर हंगरगेकर की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले सबूत जुटाए हैं। एटीएस की जांच में यह पता चला है कि आरोपी के फोन में ओसामा बिन लादेन का ईद-उल-फितर पर दिया गया भाषण उर्दू में मौजूद था।
कट्टरपंथी सामग्री की बरामदगी
जुबर के फोन से कुछ डिलीटेड पीडीएफ फाइलें भी मिली हैं, जिनका शीर्षक 'अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट एंड ऑल इट्स मैनिफेस्टेशन्स' था। अधिकारियों का मानना है कि ये फाइलें कट्टरपंथी विचारों को फैलाने में उपयोग की जाती थीं।
'इंस्पायर' मैगजीन और बम बनाने की जानकारी
जांच के दौरान एटीएस को 'इंस्पायर' नामक एक मैगजीन भी मिली, जिसमें एके-47 की ट्रेनिंग और एसीटोन पेरऑक्साइड से आईईडी बनाने की विधि का विवरण था। यह मैगजीन कथित तौर पर 'ओएसजी बम स्कूल' से संबंधित बताई जा रही है। एटीएस ने बताया कि आरोपी आतंकवादी विचारधारा से प्रभावित होकर लोगों को गुमराह कर रहा था।
ठाणे और पुणे में छापेमारी
एटीएस ने मंगलवार को ठाणे के मुंब्रा और पुणे के कोंढवा में दो स्थानों पर छापेमारी की। इनमें से एक स्थान एक शिक्षक का था, जिसे पूछताछ के लिए बुलाया गया। अधिकारियों ने कहा कि शिक्षक न तो आरोपी है और न ही गवाह, लेकिन उससे जुबैर की गुप्त बैठकों के बारे में जानकारी मांगी गई।
विदेशी संपर्कों की जांच
एटीएस ने आरोपी का एक पुराना मोबाइल फोन जब्त किया, जिसमें पांच अंतरराष्ट्रीय नंबर सेव थे—एक पाकिस्तान का, दो सऊदी अरब के, एक कुवैत और एक ओमान का। हालांकि, कॉल डिटेल रिकॉर्ड में इन नंबरों पर किसी कॉल का सबूत नहीं मिला। अधिकारी अब इन संपर्कों की सत्यता की जांच कर रहे हैं।
दिल्ली ब्लास्ट से कोई संबंध नहीं
एटीएस ने स्पष्ट किया है कि जुबैर हंगरगेकर की गिरफ्तारी और तलाशी का दिल्ली के रेड फोर्ट ब्लास्ट से कोई संबंध नहीं है। जांच अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या आरोपी के संपर्कों के माध्यम से महाराष्ट्र में किसी आतंकवादी नेटवर्क को समर्थन मिल रहा था। फिलहाल, आरोपी से लगातार पूछताछ जारी है।