मिथुन चक्रवर्ती को हाई कोर्ट से मिली राहत, विवादित बयानों का मामला
बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को हाल ही में कोलकाता हाई कोर्ट से राहत मिली है, जहां अदालत ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। यह मामला उनके विवादित बयानों से जुड़ा है, जो उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए थे। मिथुन के खिलाफ कई FIR दर्ज हैं, जिनमें सांप्रदायिक तनाव फैलाने के आरोप शामिल हैं। इस बीच, उन्हें दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण जैसे सम्मान भी मिले हैं। जानें इस पूरे मामले की गहराई में क्या है।
Aug 7, 2025, 12:36 IST
मिथुन चक्रवर्ती को मिली राहत
नई दिल्ली: बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता और पूर्व सांसद मिथुन चक्रवर्ती हाल ही में अपने विवादास्पद बयानों के कारण चर्चा में हैं। कोलकाता हाई कोर्ट ने उन्हें एक महत्वपूर्ण राहत प्रदान की है, जिसमें पुलिस को उनकी गिरफ्तारी से रोकने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही, अदालत ने उनसे वर्चुअल पूछताछ की अनुमति भी दी है।
भड़काऊ भाषण का मामला
यह मामला 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान का है, जब मिथुन ने एक रैली में अपने प्रसिद्ध संवाद – "मारबो एकहने, लाश पोड़बे शशाने" और "मैं पानी का सांप नहीं, कोबरा हूं" का उपयोग किया था। इन बयानों को भड़काऊ मानते हुए कोलकाता के मानिकतला थाने में उनके खिलाफ IPC की धाराओं 153A, 504, 505 और 120B के तहत FIR दर्ज की गई थी। आरोप है कि उनके बयानों से सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता था।
साल्ट लेक में दूसरा विवाद
मिथुन एक बार फिर विवादों में तब आए जब 27 अक्टूबर 2024 को साल्ट लेक में आयोजित बीजेपी सदस्यता अभियान के दौरान उन्होंने कहा: "तुम हमारे डाल का एक फल तोड़ोगे, हम तुम्हारे चार तोड़ेंगे... 2026 में मसनद हमारा होगा!" इस बयान को भी सांप्रदायिक और उकसाने वाला मानते हुए बिधाननगर दक्षिण थाने में FIR दर्ज की गई। शिकायतकर्ता कौशिक साहा ने आरोप लगाया कि मिथुन ने जानबूझकर समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की।
कोर्ट में पेशी की तैयारी
मिथुन के खिलाफ रामपुर (उत्तर प्रदेश) में भी एक मामला दर्ज किया गया है। अखिल भारतीय अल्पसंख्यक अधिवक्ता एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष मोहम्मद रेहान खां ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उनके बयानों को एक विशेष समुदाय के खिलाफ बताया गया।
इसके अलावा, 2025 में कोलकाता के चितपुर थाने में उनके पूर्व सहायक की पत्नी द्वारा दर्ज एक केस ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। महिला ने गंभीर व्यक्तिगत आरोप लगाए हैं, जिनकी जांच सियालदह कोर्ट में चल रही है।
मिथुन का मौन
इन सभी मामलों पर मिथुन चक्रवर्ती ने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। वहीं, बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार और समिक भट्टाचार्य ने इन कार्रवाईयों को राजनीति से प्रेरित बताया है, जबकि विपक्षी दल TMC ने मिथुन के बयानों को "विभाजनकारी और भड़काऊ" करार दिया है।
सम्मान और विवाद का संगम
विवादों के बीच मिथुन को 2024 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया था। ये पुरस्कार उनकी कला के प्रति योगदान को मान्यता देते हैं, लेकिन उनके विवादित बयानों ने उनकी छवि को प्रभावित किया है।