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यूआईडीएआई ने बच्चों के आधार अपडेट को बढ़ावा देने के लिए बीआईटी के साथ किया समझौता

यूआईडीएआई ने रिसर्च कंसल्टेंसी बिहेवियरल इनसाइट्स लिमिटेड (बीआईटी) के साथ मिलकर बच्चों के आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस साझेदारी का उद्देश्य 5 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए आधार में अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट को सुनिश्चित करना है। यूआईडीएआई ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए कई व्यवहारिक हस्तक्षेपों को लागू करने की योजना बनाई है। इसके तहत, 7 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए सभी शुल्क माफ कर दिए गए हैं, जिससे लगभग 6 करोड़ बच्चों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
 

यूआईडीएआई और बीआईटी की साझेदारी

नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि यूआईडीएआई ने रिसर्च कंसल्टेंसी बिहेवियरल इनसाइट्स लिमिटेड (बीआईटी) के साथ एक समझौता किया है। इस सहयोग का मुख्य उद्देश्य बच्चों और युवाओं को उनके आधार कार्ड में समय पर बायोमेट्रिक अपडेट कराने में सहायता प्रदान करना है।


इस समझौते पर यूआईडीएआई की डीडीजी तनुश्री देब बर्मा और बीआईटी के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि गुरुमूर्ति ने यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार और अन्य सदस्यों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।


आधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस समझौता ज्ञापन का लक्ष्य 5 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए आधार में अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) को बढ़ावा देना है, ताकि समय पर अपडेट सुनिश्चित किया जा सके और आधार से जुड़ी सेवाओं तक निर्बाध पहुंच प्राप्त हो सके।


मंत्रालय ने बताया कि आधार एमबीयू अपडेट को बढ़ावा देने के लिए व्यवहारिक हस्तक्षेपों को डिजाइन, परीक्षण और कार्यान्वित किया जाएगा।


यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने कहा, “जब तकनीक को मानव व्यवहार के साथ जोड़ा जाता है, तो डिजिटल पहचान एक तकनीकी प्रक्रिया से अधिक सहज और विश्वसनीय अनुभव में बदल जाती है। इस समझौते के माध्यम से, हम इस प्रभाव को प्राप्त करने की उम्मीद करते हैं।”


बीआईटी की सीईओ रेचल कोयल ने कहा कि मानव व्यवहार की नई साक्ष्य-आधारित समझ से आधार के अपडेट को बढ़ावा मिल सकता है और आधार संख्या धारकों को महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।


आधार कार्ड धारक के रूप में, बच्चों को 5 वर्ष की आयु में और फिर 15 वर्ष की आयु में आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट जैसे फिंगरप्रिंट और फोटो अपडेट करवाने की आवश्यकता होती है। यूआईडीएआई ने 7-15 आयु वर्ग के लिए एमबीयू के सभी शुल्क माफ कर दिए हैं, जिससे लगभग 6 करोड़ बच्चों को लाभ मिलने की संभावना है।