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यूक्रेन पर रूसी हमलों में तेजी, जेलेंस्की ने मांगी यूरोप से मदद

यूक्रेन पर रूस के हमले एक बार फिर तेज हो गए हैं, खासकर जपोरिजिया शहर में। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं से बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली की तत्काल आवश्यकता की अपील की है। उन्होंने बताया कि पिछले दो हफ्तों में रूस ने हजारों ड्रोन और मिसाइलें दागी हैं। जपोरिजिया में हुए हमलों में कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं और कई लोग घायल हुए हैं। यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने रूस की एक तेल रिफाइनरी पर भी हमला किया है। जानकारों का कहना है कि रूस के ग्लाइड बमों का सामना करना यूक्रेन के लिए मुश्किल हो रहा है।
 

रूस के हमले से जपोरिजिया में तबाही


यूक्रेन पर रूसी हमलों का सिलसिला मंगलवार को फिर से तेज हो गया। जपोरिजिया शहर पर रूस ने एक के बाद एक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक ड्रोन और लगभग 150 ग्लाइड बमों का इस्तेमाल किया गया। राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया कि रूस ने केवल जपोरिजिया ही नहीं, बल्कि देश के अन्य शहरों को भी निशाना बनाया है।


जेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं से अपील की है कि यूरोप की सुरक्षा के लिए एक बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने टेलीग्राम पर कहा कि पिछले दो हफ्तों में रूस ने यूक्रेन पर 3,500 से अधिक ड्रोन, 2,500 ग्लाइड बम और लगभग 200 मिसाइलें दागी हैं।


उन्होंने लिखा, "अब समय आ गया है कि यूरोप एकजुट होकर रक्षात्मक कदम उठाए। सभी साझेदार देशों को मजबूत निर्णय लेने होंगे।"


जपोरिजिया में हुए हमलों के परिणामस्वरूप 20 से अधिक इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं। क्षेत्रीय प्रमुख इवान फेडोरोव के अनुसार, रूसी सेना ने मल्टीपल रॉकेट लॉन्च सिस्टम से 10 हमले किए, जिसमें 10 अपार्टमेंट इमारतें और 12 निजी घर पूरी तरह से नष्ट हो गए। इन हमलों में एक व्यक्ति की मौत हो गई और 20 लोग घायल हुए, जिनमें चार बच्चे भी शामिल हैं।


मायकोलाइव क्षेत्र से भी एक मौत की सूचना मिली है। जपोरिजिया और उसके आसपास के क्षेत्रों में आगजनी की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।


यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए रूस के सारातोव क्षेत्र में स्थित एक तेल रिफाइनरी को निशाना बनाया। यह हमला रात में किया गया, जिससे रूसी आपूर्ति श्रृंखला को नुकसान पहुंचा।


विशेषज्ञों के अनुसार, रूसी ग्लाइड बमों को लड़ाकू विमानों से ऊंचाई पर गिराया जाता है, जिससे इनसे बचना बेहद कठिन हो जाता है। यूक्रेन के पास इस तकनीक का सामना करने के लिए कोई प्रभावी रक्षा प्रणाली नहीं है।


जेलेंस्की ने कहा, "जब तक रूस को बड़ा आर्थिक नुकसान नहीं होगा, तब तक वह युद्ध समाप्ति की दिशा में कोई कदम नहीं उठाएगा।"