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लक्षद्वीप में बिट्रा द्वीप के अधिग्रहण का विरोध

लक्षद्वीप सरकार ने बिट्रा द्वीप के अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा है, जिसका सांसद हमदुल्ला सईद ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने स्थानीय निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए राजनीतिक और कानूनी उपायों का आश्वासन दिया है। इस कदम को लेकर प्रशासन की आलोचना की गई है, जिसमें स्थानीय पंचायतों की अनुपस्थिति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन शामिल है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और सांसद की चिंताएँ।
 

लक्षद्वीप सरकार का प्रस्ताव

लक्षद्वीप प्रशासन: भारत के केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप ने रक्षा उद्देश्यों के लिए ‘बिट्रा द्वीप’ के अधिग्रहण पर विचार करने का निर्णय लिया है। इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध सांसद हमदुल्ला सईद ने किया है, जिन्होंने बिट्रा के स्थानीय निवासियों को अपना समर्थन दिया और आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे का विरोध करने के लिए राजनीतिक और कानूनी उपायों का सहारा लेंगे।


सरकारी अधिसूचना

हाल ही में जारी एक सरकारी अधिसूचना में, राजस्व विभाग को बिट्रा द्वीप के सभी भू-क्षेत्र का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसका उद्देश्य इसे केंद्र की रक्षा और सामरिक एजेंसियों को सौंपना है।


प्रशासनिक और रसद चुनौतियाँ

प्रशासनिक और रसद चुनौतियाँ

पिछले सप्ताह जारी अधिसूचना में बताया गया है कि यह कदम द्वीप की सामरिक स्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में इसकी प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।

क्षेत्रीय प्रशासन भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 के तहत द्वीप का अधिग्रहण करेगा, जिसमें उचित मुआवज़ा और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। इस बीच, लक्षद्वीप के सांसद हमदुल्ला सईद ने केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा बिट्रा द्वीप के अधिग्रहण के कदम का कड़ा विरोध किया है।


स्थानीय निवासियों की चिंता

इसका उद्देश्य लोगों को विस्थापित करना

सांसद ने कहा कि इस निर्णय का असली उद्देश्य स्थानीय निवासियों को विस्थापित करना है। उन्होंने कहा कि बिट्रा लक्षद्वीप का सबसे कम जनसंख्या वाला द्वीप है और वह रक्षा आवश्यकताओं के बहाने इसे अधिग्रहित करने के प्रयास का कड़ा विरोध करेंगे।

उन्होंने इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। सईद ने कहा कि रक्षा उद्देश्यों के लिए भूमि का अधिग्रहण पहले भी कई द्वीपों पर किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि बिना किसी विकल्प पर विचार किए, दशकों से बसे बिट्रा द्वीप को निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है।


स्थानीय पंचायतों की स्थिति

स्थानीय पंचायतें भी द्वीपों में सक्रिय नहीं

उन्होंने प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि स्थानीय निवासियों के साथ किसी भी बातचीत के बिना ऐसी कार्रवाई की जा रही है, खासकर जब स्थानीय पंचायतें भी द्वीपों में सक्रिय नहीं हैं। इस प्रकार की एकतरफा कार्रवाई लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करती है और संविधान द्वारा नागरिकों को दिए गए अधिकारों का उल्लंघन करती है।