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शादी के मौसम में प्री-वेडिंग शूट का नया ट्रेंड

शादी का मौसम आते ही प्री-वेडिंग शूट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। कपल्स अब साधारण फोटो से आगे बढ़कर रचनात्मक थीम और खूबसूरत लोकेशन की ओर बढ़ रहे हैं। तकनीक में सुधार और नए उपकरणों के आगमन ने शूटिंग के तरीके को बदल दिया है। इस लेख में जानें कि कैसे कपल्स अपनी प्री-वेडिंग शूट के लिए नए आइडियाज और बजट के साथ तैयार हो रहे हैं।
 

शादी का मौसम: प्री-वेडिंग शूट का बढ़ता क्रेज

करनाल (शादी का मौसम)। जैसे ही शादी का मौसम शुरू होता है, प्री-वेडिंग शूट का चलन फिर से जोर पकड़ लेता है। कपल्स अब साधारण तस्वीरों से आगे बढ़कर रचनात्मक थीम, खूबसूरत बाहरी स्थानों और हाई-टेक वीडियो शूट को प्राथमिकता दे रहे हैं। शहर के फोटो स्टूडियो और फ्रीलांसर फोटोग्राफरों का कहना है कि इस साल प्री-वेडिंग शूट की बुकिंग में पिछले साल की तुलना में काफी तेजी आई है। तकनीक में सुधार और नए कैमरों के आगमन ने शूटिंग के तरीकों को भी बदल दिया है।


प्री-वेडिंग शूट का नया अंदाज

पिछले दो से तीन सालों में फोटो शूट और वीडियो के लिए चलन काफी साधारण था, लेकिन अब लोगों की पसंद में तेजी से बदलाव आया है। पहले जहां डीवीडी या कैसेट का उपयोग होता था, वहीं अब पेनड्राइव का जमाना है जिसमें फोटो और वीडियो दोनों होते हैं।


लोकेशन का महत्व

शादी के पलों में आधुनिकता को अपनाने के साथ-साथ प्री-वेडिंग का क्रेज भी बढ़ रहा है। स्थानीय फोटोग्राफरों का कहना है कि इस बार कपल्स की पसंद में सबसे बड़ा बदलाव लोकेशन को लेकर देखने को मिला है। पहले जहां शहर के पार्क और स्टूडियो प्राथमिकता थे, वहीं अब जोड़े हरियाली वाली जगहों, फार्महाउस और प्राकृतिक लोकेशन को तरजीह दे रहे हैं। कई कपल्स अपनी प्री-वेडिंग शूट की थीम अपने रिश्ते की कहानी पर आधारित करवा रहे हैं, जिससे वीडियो और फोटो में एक अलग व्यक्तिगत भावना झलकती है।


तकनीक का प्रभाव

तकनीक ने शूट को भी काफी बदल दिया है। पहले केवल कैमरे पर निर्भर रहने वाले शूट अब ड्रोन, सिनेमैटिक लाइटिंग और स्टेबलाइजर जैसे उपकरणों की मदद से अधिक आकर्षक बन गए हैं। इन तकनीकों ने शूट के एंगल और गुणवत्ता में सुधार किया है, जिससे कपल्स फिल्मों जैसी फील वाले वीडियो की मांग कर रहे हैं।


बजट में वृद्धि

शूट की लागत भी पहले की तुलना में बढ़ गई है, जिसमें औसतन एक प्री-वेडिंग शूट का बजट 50 हजार से शुरू होकर दो लाख तक पहुंच रहा है। इसमें लोकेशन, आउटफिट, मेकअप और तकनीकी उपकरणों का खर्च शामिल होता है।


ड्रोन शॉट्स की बढ़ती मांग

फोटो स्टूडियो संचालक इस सीजन कपल्स को पहले से ज्यादा रचनात्मक और तैयार होकर आते देख रहे हैं। वे केवल फोटो नहीं, बल्कि एक पूरी कहानी चाहते हैं। खासकर आउटडोर शूट और ड्रोन शॉट की मांग में काफी वृद्धि हुई है। नए कैमरों ने काम को आसान और बेहतर बना दिया है। पहले 50 से एक लाख तक के कैमरों से शादी शूट होती थी, लेकिन अब 10 से 15 लाख तक के कैमरों का उपयोग किया जा रहा है।


प्री-वेडिंग बुकिंग का चलन

फ्रीलांसर वीडियोग्राफर विवेक सैनी का कहना है कि तकनीक ने प्री-वेडिंग शूट की दुनिया को बदल दिया है। लोग अब फिल्मों जैसा सिनेमैटिक आउटपुट चाहते हैं। महंगे कैमरे, लाइटिंग सेटअप और ड्रोन के कारण बजट थोड़ा बढ़ा है, लेकिन लोग महंगे बजट में भी शादी के लिए बुकिंग कर रहे हैं। कुछ साल पहले प्री-वेडिंग का चलन नहीं था, लेकिन अब नए युवा जोड़े इसे तेजी से अपना रहे हैं।


सोशल मीडिया का प्रभाव

स्टूडियो संचालक रोकश का कहना है कि अब शहर में फ्रीलांसर फोटोग्राफरों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। सोशल मीडिया के कारण कपल्स को नए-नए शूट आइडिया मिलते हैं और उसी के अनुसार वे अपनी बुकिंग करवा रहे हैं। इसके अलावा, शूट के बाद की एडिटिंग भी अब महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है, जिसमें कलर ग्रेडिंग, फिल्मी बैकग्राउंड म्यूजिक और स्लो-मोशन सीक्वेंस का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। इस प्रकार, शादी के सीजन में चाहे वह कैमरामैन हो, एडिटर हो या फ्रीलांसर फोटोग्राफर, सभी का अच्छा कारोबार होता है।