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शारदा विश्वविद्यालय में छात्रा की आत्महत्या: प्रोफेसरों पर आरोप

उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय में बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति ने आत्महत्या कर ली। उसने एक सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय में हंगामा मच गया है और छात्रों ने न्याय की मांग की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और छात्रों के प्रदर्शन के बारे में।
 

शारदा विश्वविद्यालय आत्महत्या मामला

शारदा विश्वविद्यालय आत्महत्या मामला: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में स्थित शारदा विश्वविद्यालय की एक छात्रा, ज्योति, ने अपने हॉस्टल के कमरे में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद से मामला काफी चर्चा में है। ज्योति बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। उसने मंडेला गर्ल्स हॉस्टल में यह कदम उठाया और एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए दो प्रोफेसरों को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद उन दोनों प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अजीत कुमार ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


यह घटना नॉलेज पार्क थाना क्षेत्र में हुई। ज्योति हरियाणा के गुरुग्राम की निवासी थी। पुलिस ने छात्रा के शव का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस बीच, विश्वविद्यालय के छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें पुलिस के साथ झड़पें भी हुई हैं। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया।


आत्महत्या का कारण

पंखे से लटककर आत्महत्या?


टीवी 9 की रिपोर्ट के अनुसार, ज्योति ने अपने सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों और विश्वविद्यालय प्रबंधन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। उसने लिखा, 'अगर मेरी मौत हुई तो इसके लिए पीसीपी और डेंटल मेडिकल के शिक्षक ज़िम्मेदार होंगे। महेंद्र सर और शेरी मैम मेरी मौत के ज़िम्मेदार हैं।'



‘मुझे अपमानित किया गया’


ज्योति ने आगे लिखा, 'मैं चाहती हूँ कि वे जेल जाएँ। उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, अपमानित किया। मैं उनकी वजह से लंबे समय से डिप्रेशन में हूँ। मैं चाहती हूँ कि उन्हें भी यही सब सहना पड़े। माफ़ करना, मैं अब और नहीं जी सकती।'


घटना के बाद, परिजनों और छात्रों ने हंगामा किया और न्याय की मांग की। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच तीखी बहस भी हुई।



आखिर क्यों की आत्महत्या?


ज्योति के दोस्तों का कहना है कि शिक्षकों ने उस पर एक फाइल पर फर्जी हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया था। उसे पीसीपी विभाग से तीन दिन तक बाहर रखा गया था, जिससे वह तनाव में थी। जब मामला एचओडी तक पहुँचा, तो एचओडी ने ज्योति को खुद फॉर्म पर हस्ताक्षर करने और अपने माता-पिता को बुलाने के लिए कहा। इसके बाद ज्योति के माता-पिता आए और फिर उसे फाइल दी गई। इस दौरान शिक्षकों ने उसे फेल करने की धमकी भी दी, जिससे वह काफी परेशान हो गई।