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सीटीडब्ल्यूजी बैठक में आतंकवाद का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया

नई दिल्ली में आयोजित सीटीडब्ल्यूजी बैठक में भारत ने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। क्वाड देशों ने हाल के आतंकवादी हमले की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक में उभरते खतरों और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के उपायों पर चर्चा की गई। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या कदम उठाए जाएंगे।
 

सीटीडब्ल्यूजी की बैठक में आतंकवाद पर चर्चा


सीटीडब्ल्यूजी की बैठक में भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया


नई दिल्ली में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में, भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीमा पार से फैलाए जा रहे आतंकवाद के मुद्दे को फिर से उठाया। इस अवसर पर, क्वाड देशों ने 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के लाल किले के पास हुए आतंकवादी हमले की निंदा की, जिसमें 15 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए। क्वाड देशों ने इस हमले के पीछे के अपराधियों और उनके वित्तपोषकों को सख्त सजा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।


दिल्ली में हुई बैठक का विवरण

भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के बीच 4 और 5 दिसंबर को नई दिल्ली में तीसरी क्वाड काउंटर टेररिज्म वर्किंग ग्रुप (सीटीडब्ल्यूजी) बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में चारों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया। विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई और हाल के लाल किले पर हुए हमलों पर चिंता व्यक्त की गई। क्वाड देशों ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और इसके खिलाफ सामूहिक कार्रवाई ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुरक्षित रखने का एकमात्र उपाय है।


आतंकवाद के खिलाफ साझा संकल्प

यह बैठक भारत द्वारा अगले क्वाड शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत आयोजित की गई थी। भारत के विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) अंबेसडर सिबी जॉर्ज ने उद्घाटन भाषण में आतंकवाद के खिलाफ क्वाड के भीतर एकजुटता को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सीटीडब्ल्यूजी को और अधिक प्रभावी और कार्रवाई-उन्मुख बनाने की अपील की। उन्होंने इस वर्ष 22 जून को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद क्वाड देशों के समर्थन के लिए उनका धन्यवाद भी किया।


उभरते खतरों पर चर्चा

बैठक में शामिल चारों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में वैश्विक आतंकवाद की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। उभरते खतरों, नई तकनीकों और आतंकवादी वित्तपोषण से निपटने के उपायों पर विचार किया गया। इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी संचालन पर एक टेबलटॉप एक्सरसाइज भी आयोजित की गई, जिसमें विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया।