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हरियाणा SET परीक्षा की तिथियाँ जारी, जानें शेड्यूल और शिफ्ट्स

हरियाणा SET परीक्षा के लिए तिथियाँ और शेड्यूल जारी कर दिया गया है। 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए यह परीक्षा 18 से 22 अगस्त तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा का उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक समझ का मूल्यांकन करना है। हर विषय के लिए 20 अंकों की परीक्षा होगी, जिससे छात्रों की तैयारी का आकलन किया जाएगा। शिक्षा विभाग की इस पहल से छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ने की उम्मीद है। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 

हरियाणा SET परीक्षा का शेड्यूल

हरियाणा SET परीक्षा: कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए तिथियाँ जारी, जानें शिफ्ट और तिथियाँ: (SET परीक्षा हरियाणा) की घोषणा के साथ, प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्र अब अपनी तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने 18 अगस्त से 22 अगस्त तक परीक्षा आयोजित करने का कार्यक्रम जारी किया है। यह परीक्षा सभी सरकारी स्कूलों में दो शिफ्टों में आयोजित की जाएगी।


सुबह की पहली शिफ्ट और दोपहर की दूसरी शिफ्ट में परीक्षा होगी। इस 5 दिवसीय परीक्षा श्रृंखला का मुख्य उद्देश्य छात्रों की शैक्षणिक समझ और विषय पर पकड़ का मूल्यांकन करना है।


हर विषय के लिए 20 अंकों की परीक्षा, अध्ययन का मूल्यांकन


जारी की गई डेटशीट के अनुसार, प्रत्येक विषय की परीक्षा कुल 20 अंकों की होगी। छोटे-छोटे टेस्ट के माध्यम से (school level assessment) छात्रों की वर्तमान तैयारी का आकलन किया जाएगा। इससे यह पता चलेगा कि छात्र किस विषय में कमजोर हैं और किसमें उनकी पकड़ मजबूत है।


यह पहल शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के हित में उठाया गया कदम है, जिसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। ये परीक्षाएँ टेस्ट के रूप में होंगी, जिसका स्वरूप विद्यालय स्तर पर निर्धारित किया गया है।


जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी


विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEOs) को एक पत्र भेजा है, जिसमें SET परीक्षा की जानकारी और शिफ्टवार कार्यक्रम साझा किया गया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि परीक्षा का आयोजन स्कूल स्तर पर ही होगा, और इसकी जिम्मेदारी संबंधित स्कूल प्रशासन की होगी। (DSE DEO SET पेपर) को ध्यान में रखते हुए सभी स्कूलों में उचित व्यवस्थाएँ की जाएँगी।


शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस पहल से छात्रों में परीक्षा के प्रति आत्मविश्वास और सहजता दोनों बढ़ेगी। साथ ही, यह एक प्रभावी तरीका है जिससे शिक्षा विभाग स्कूलों की गुणवत्ता और छात्रों की प्रगति की समीक्षा कर सकेगा।