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हरियाणा स्कूल क्लर्क घोटाला: 1.54 करोड़ रुपये का फर्जी बिल घोटाला उजागर

हरियाणा के सोनीपत जिले के एक सरकारी स्कूल में 1.54 करोड़ रुपये के फर्जी बिल घोटाले का खुलासा हुआ है। क्लर्क मनोज आनंद ने बच्चों की शिक्षा के लिए आवंटित फंड से 51 फर्जी बिल बनाकर यह गबन किया। प्रिंसिपल की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की है। जानें इस घोटाले का कैसे हुआ खुलासा और आरोपी क्लर्क का वर्तमान में क्या हाल है।
 

हरियाणा स्कूल क्लर्क घोटाला: 1.54 करोड़ रुपये का फर्जी बिल घोटाला उजागर

हरियाणा स्कूल क्लर्क घोटाला: सरकारी स्कूल में 1.54 करोड़ रुपये का फर्जी बिल घोटाला, जांच में चौंकाने वाली साजिश का खुलासा: हरियाणा के सोनीपत जिले के अकबरपुर-बारोटा गांव के पीएमश्री माध्यमिक विद्यालय से एक बड़े वित्तीय घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। क्लर्क मनोज आनंद ने बच्चों की शिक्षा के लिए आवंटित सरकारी फंड से अपने रिश्तेदारों और करीबी लोगों के नाम पर 51 फर्जी बिल बनाकर ₹1.54 करोड़ का गबन किया है।

इस मामले की शिकायत स्कूल की प्रिंसिपल भारती ने कुंडली थाने में की थी। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी है।

घोटाले का खुलासा कैसे हुआ?

प्रिंसिपल के अनुसार, मनोज आनंद 31 मई को रिटायर हो गया था। जुलाई में जब एक नए क्लर्क ने कार्यभार संभाला, तो एक संदिग्ध बिल सामने आया। इस बिल में महेंद्र मालिक का नाम था, लेकिन जांच में पता चला कि इस नाम का कोई कर्मचारी विभाग में नहीं है।

इसके बाद एक आंतरिक जांच शुरू की गई, जिसमें स्कूल के रिकॉर्ड में 20 फर्जी बिल मिले, जिनमें ₹32 लाख का गबन स्पष्ट हुआ। पड़ोसी गांव छतेहरा बहादुरपुर के सरकारी स्कूल में 31 अतिरिक्त फर्जी बिल पाए गए, जिनमें ₹1.12 करोड़ का घोटाला दर्ज हुआ।

आरोपी क्लर्क अब कहां है?

मनोज आनंद वर्तमान में एक निजी संस्थान में कार्यरत है। हालांकि, उसकी रिटायरमेंट के बाद सामने आए इस गबन की शिकायत पर कुंडली पुलिस ने तेजी से कार्रवाई शुरू की है। सूत्रों के अनुसार, दस्तावेजों और बिलों की जांच जारी है और संबंधित खातों का ऑडिट भी किया जा रहा है।

यह मामला हरियाणा के सरकारी स्कूलों में फंड के उपयोग और निगरानी तंत्र पर सवाल उठाता है। अब प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि इतनी बड़ी रकम कैसे बिना जांच के पास होती रही।