हिमाचल की ट्रेनों पर फिर से पथराव: यात्रियों में दहशत, रेलवे पर उठे सवाल
ट्रेनों पर असामाजिक तत्वों का हमला
हिमाचल प्रदेश में ट्रेनों पर असामाजिक तत्वों के हमले की एक और घटना सामने आई है। शुक्रवार रात, ऊना से दिल्ली जा रही जनशताब्दी ट्रेन (12057) पर रूपनगर के निकट पथराव किया गया, जिससे कोच डी9 की विंडो सीट नंबर 48 का कांच टूट गया। सौभाग्य से, यात्री हार्दिक शर्मा ने समय रहते अपनी सीट बदल ली थी, अन्यथा यह घटना गंभीर हो सकती थी.
पथराव की घटना और यात्री की सुरक्षा
यह घटना रूपनगर रेलवे स्टेशन से लगभग 200 मीटर की दूरी पर हुई, जब कुछ असामाजिक तत्वों ने ट्रेन पर पत्थर फेंके। डी9 कोच की विंडो सीट नंबर 48 का कांच चकनाचूर हो गया। अरनियाला (ऊना) के निवासी हार्दिक शर्मा उसी सीट पर बैठे थे, लेकिन उन्होंने कुछ समय पहले अपनी सीट बदल ली, जिससे उनकी जान बच गई। खिड़की के पास बैठी एक महिला भी सुरक्षित रहीं.
बचाव की कहानी
हार्दिक शर्मा ने बताया, "मैं सीट नंबर 48 पर बैठा था, लेकिन कुछ मिनट पहले ही दो सीट आगे चला गया। जब मैंने पीछे मुड़कर देखा, तो खिड़की का पूरा शीशा टूटा हुआ था और कांच के टुकड़े बिखरे पड़े थे। यह बेहद डरावना था।"
सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की
घटना के तुरंत बाद, हार्दिक शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर रेलवे, डीआरएम अंबाला, आरपीएफ अंबाला डिवीजन और नॉर्दर्न रेलवे को टैग करते हुए पूरी घटना की जानकारी दी। अधिकारियों ने इस पर संज्ञान लिया और कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन अभी तक पथराव करने वालों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
पथराव की घटनाओं का इतिहास
ऊना जिले में ट्रेनों पर पथराव की घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं। 2023 में गगरेट के पास हिमाचल एक्सप्रेस पर बच्चों द्वारा पत्थर फेंकने की घटना हुई थी। 2022 में ऊना-चंडीगढ़ रेलमार्ग पर भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। रेलवे ने उस समय चेतावनी बोर्ड भी लगाए थे, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ.
मैहतपुर में भी हुई थी ऐसी घटना
कुछ महीने पहले मैहतपुर के पास भी इसी तरह की एक घटना में चलती ट्रेन पर पत्थर फेंके गए थे, जिसमें एक कोच का शीशा टूट गया था। यात्रियों में भय का माहौल बन गया था, लेकिन इस मामले में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
यात्रियों में डर और रेलवे की जिम्मेदारी
लगातार हो रही पत्थरबाजी की घटनाओं से ऊना, चंडीगढ़ और दिल्ली रूट पर यात्रा करने वाले यात्रियों में डर का माहौल है। रेलवे प्रशासन की ओर से सुरक्षा के ठोस इंतज़ाम न किए जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि जब तक दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक ये घटनाएं नहीं रुकेंगी.
रेलवे ने कार्रवाई का आश्वासन दिया
रेलवे अधिकारियों ने पीड़ित यात्री को आश्वासन दिया है कि इस घटना की जांच की जा रही है और दोषियों की तलाश जारी है। आरपीएफ अंबाला डिवीजन की टीम ने घटनास्थल से आवश्यक जानकारी जुटाई है, लेकिन कार्रवाई की गति धीमी है.
सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग
स्थानीय निवासियों और यात्रियों ने रेलवे ट्रैक के किनारे सीसीटीवी कैमरे लगाने और आरपीएफ की गश्त बढ़ाने की मांग की है। इसके साथ ही, असामाजिक गतिविधियों वाले क्षेत्रों की निगरानी के लिए स्थायी पुलिस चौकियों की स्थापना की भी आवश्यकता है.