हैदराबाद एयरपोर्ट पर इंडिगो फ्लाइट को मिली बम धमकी: जानें पूरी कहानी
हैदराबाद में हड़कंप
हैदराबाद : शनिवार की सुबह, हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई जब जेद्दा से आ रही इंडिगो फ्लाइट 6E 68 को बम धमकी का ईमेल प्राप्त हुआ। यह ईमेल सुबह लगभग 5:30 बजे इंडिगो प्रबंधन के पास पहुंचा, जिसमें कहा गया था कि विमान में एक 'मानव बम' है और यदि फ्लाइट को हैदराबाद में लैंड करने दिया गया, तो विस्फोट किया जाएगा। इस सूचना ने एयरपोर्ट प्रशासन और सुरक्षा बलों में हड़कंप मचा दिया।
ईमेल में आतंकवादी संगठनों का जिक्र
मेल में ISI और लिट्टे का जिक्र
इस धमकी भरे ईमेल में यह भी उल्लेख किया गया था कि लिट्टे और ISI के आतंकवादी 1984 के मद्रास एयरपोर्ट हमले की तर्ज पर एक बड़ा धमाका करने की योजना बना रहे हैं। मेल में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि फ्लाइट को हैदराबाद में उतरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इस संदेश के प्राप्त होते ही सुरक्षा एजेंसियों और एयरपोर्ट स्टाफ को उच्च सतर्कता पर रखा गया।
मुंबई में इमरजेंसी लैंडिंग
मुंबई में कराई गई फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, एयरपोर्ट अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और पायलट से संपर्क किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए निर्णय लिया गया कि विमान को हैदराबाद के बजाय मुंबई में आपात लैंडिंग कराई जाए। कुछ समय बाद, फ्लाइट सुरक्षित रूप से मुंबई एयरपोर्ट पर उतरी। वहां पहुंचते ही सीआईएसएफ, पुलिस और बम डिस्पोजल स्क्वॉड ने विमान को घेर लिया और यात्रियों समेत पूरे विमान की गहन जांच की। राहत की बात यह रही कि तलाशी के दौरान कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली।
यात्रियों की सुरक्षा पर जोर
यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता
इंडिगो एयरलाइंस ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया है। जैसे ही मेल प्राप्त हुआ, अधिकारियों को तुरंत सूचित किया गया और सभी आवश्यक कदम उठाए गए। यात्रियों को कम से कम असुविधा हो, इसके लिए उन्हें लगातार जानकारी, रिफ्रेशमेंट और सहायता प्रदान की गई। एयरलाइन ने स्पष्ट किया कि यात्रियों, क्रू और विमान की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
धमकी की जांच जारी
ईमेल की जांच जारी, फर्जी होने की आशंका
सुरक्षा एजेंसियों ने ईमेल की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह संभावना जताई जा रही है कि यह धमकी फर्जी हो सकती है, लेकिन किसी भी जोखिम को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि यह ईमेल किस स्थान से और किस व्यक्ति द्वारा भेजा गया। साइबर क्राइम सेल को भी जांच में शामिल किया गया है ताकि मेल की उत्पत्ति का पता लगाया जा सके।