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हैदराबाद में 76 वर्षीय महिला डॉक्टर की डिजिटल गिरफ्तारी से मौत, साइबर ठगी का मामला

तेलंगाना के हैदराबाद में एक 76 वर्षीय रिटायर्ड महिला डॉक्टर को साइबर ठगों ने तीन दिन तक डिजिटल गिरफ्तारी में रखा, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मृत्यु हो गई। अपराधियों ने उन्हें सरकारी अधिकारी बनकर फोन किया और 6.6 लाख रुपये की ठगी की। इस घटना ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। जानें इस चौंकाने वाली घटना के बारे में विस्तार से।
 

हैदराबाद में साइबर क्राइम का चौंकाने वाला मामला

Digital Arrest Hyderabad: तेलंगाना के हैदराबाद से एक चौंकाने वाला साइबर क्राइम मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां एक 76 वर्षीय रिटायर्ड सरकारी महिला डॉक्टर को तीन दिनों तक डिजिटल गिरफ्तारी में रखा गया।


इस दौरान, अपराधियों ने महिला को सरकारी अधिकारी बनकर फोन किया और उनसे लगभग 6.6 लाख रुपये की ठगी की। इस घटना के बाद महिला डॉक्टर की मृत्यु हो गई। हैरानी की बात यह है कि उनकी मौत के बाद भी अपराधियों ने उन्हें मैसेज भेजना जारी रखा।


5 सितंबर को हुई वीडियो कॉल

जानकारी के अनुसार, महिला डॉक्टर को 5 सितंबर को अपराधियों की ओर से उनके वाट्सएप पर एक वीडियो कॉल प्राप्त हुई। कॉल करने वाले नंबर पर बेंगलुरु पुलिस का लोगो भी था। इसके बाद, अपराधियों ने उन्हें एक काल्पनिक 'सआदत खान मानव तस्करी मामले' में झूठा फंसाया।


अपराधियों ने महिला को विश्वास दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट, ED और RBI के मुहर वाले दस्तावेज भी दिखाए, जिससे वह बेहद डर गईं। उन्हें बार-बार गिरफ्तार होने की धमकी दी गई।


6 सितंबर को लाखों रुपये का ट्रांसफर

गिरफ्तारी के डर से, रिटायर्ड महिला डॉक्टर ने 6 सितंबर को अपने पेंशन खाते से अपराधियों के खाते में 6.6 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी ठगों ने उन्हें लगातार वीडियो कॉल और धमकी भरे मैसेज भेजते रहे।


8 सितंबर को, लगभग 70 घंटे तक डिजिटल गिरफ्तारी में रहने के बाद, पीड़िता को अचानक छाती में दर्द हुआ और उनके परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। 9 सितंबर को महिला डॉक्टर के अंतिम संस्कार के बाद परिवार को उनके डिजिटल गिरफ्तारी के बारे में जानकारी मिली।


पीड़िता की मृत्यु के बाद FIR दर्ज

परिवार द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर, साइबर अपराध पुलिस ने आईटी अधिनियम की धारा 66सी, 66डी और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए जांच शुरू कर दी है।