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कैथल में लावारिस कुत्तों का बढ़ता आतंक: नागरिकों की सुरक्षा खतरे में

कैथल में लावारिस कुत्तों के हमले की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे नागरिकों की सुरक्षा खतरे में है। अस्पतालों में कुत्ते के काटने के मामलों की संख्या बढ़ रही है, और स्वास्थ्य सेवाएं इस स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। जानें रैबीज के खतरे और इसके उपचार के बारे में, साथ ही प्राथमिक उपचार के उपायों के बारे में। प्रशासन से नागरिकों की मांग है कि लावारिस कुत्तों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए।
 

कैथल में कुत्तों के हमले की बढ़ती घटनाएं

कैथल (कुत्तों के हमले)। जिले में लावारिस कुत्तों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। ये कुत्ते गली-मोहल्लों और बाजारों में झुंड बनाकर घूमते हैं और राहगीरों पर अचानक हमला कर देते हैं। नागरिक अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने कुत्तों के काटने के 230 मामले दर्ज हुए थे, जबकि इस महीने अब तक 50 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। यदि निजी अस्पतालों को भी शामिल किया जाए, तो यह संख्या और भी अधिक है।


स्वास्थ्य सेवाएं और उपचार

सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि अस्पताल में कुत्ते के काटने के इलाज के लिए सभी आवश्यक दवाएं और टीके उपलब्ध हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि घरेलू उपायों के बजाय तुरंत अस्पताल जाकर चिकित्सीय सहायता लें।


नागरिकों की चिंताएं

रजनी कॉलोनी के निवासी तेजपाल ने बताया कि उनके बेटे पर एक लावारिस कुत्ते ने हमला किया और उसे हाथ पर काट लिया। उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि ऐसे कुत्तों को तुरंत पकड़कर शहर से बाहर भेजा जाए। डॉक्टरों का कहना है कि डॉग बाइट के मामले गंभीर होते हैं और समय पर वैक्सीन लेना संक्रमण से बचने का एकमात्र तरीका है।


रैबीज: एक गंभीर खतरा

रैबीज क्या है?

रैबीज एक घातक वायरस संक्रमण है जो मुख्य रूप से कुत्ते की लार के संपर्क से फैलता है। संक्रमित कुत्ते के काटने पर यह वायरस तंत्रिका तंत्र पर हमला करता है और यदि इलाज न किया जाए, तो यह जानलेवा हो सकता है।

फिजिशियन डॉ. गौरव चावला ने बताया कि ऐसे मामलों में घबराने के बजाय तुरंत सावधानी बरतनी चाहिए। घरेलू उपायों से स्थिति बिगड़ सकती है, इसलिए डॉक्टर से ही उपचार कराना आवश्यक है।


रैबीज का खतरा और प्राथमिक उपचार

रैबीज का खतरा और इलाज

पागल कुत्ते की लार में रैबीज वायरस होता है, जो काटने के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। यदि इलाज में देरी होती है, तो रैबीज जानलेवा हो सकता है। लक्षण प्रकट होने के 10-15 दिनों के भीतर मृत्यु का खतरा रहता है। कुत्ता काटने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर एंटी-रैबीज वैक्सीन और आवश्यक इंजेक्शन देते हैं।

प्राथमिक उपचार

घाव को साबुन और गर्म पानी से 5 मिनट तक अच्छी तरह साफ करें। एंटीबायोटिक मरहम लगाकर जीवाणुरहित पट्टी या बैंडेड करें। इसके बाद तुरंत डॉक्टर से मिलें और पूरा इलाज कराएं।


नगर परिषद की जिम्मेदारी

नगर परिषद द्वारा कुत्ते पकड़ने की एजेंसी का टेंडर समय पर न कराने की कीमत अब आम लोगों को अपने जख्मों से चुकानी पड़ रही है। सुबह सैर पर निकले लोग, बच्चों को स्कूल छोड़ने वाले अभिभावक और साइकिल-मोटरसाइकिल सवार अक्सर इन झुंडों के निशाने पर आ जाते हैं। कई इलाकों में तो कुत्ते खुलेआम घूमते नजर आते हैं, जिससे लोगों में भय और गुस्सा दोनों है।