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गाजियाबाद में एनकाउंटर: दो अपराधियों की मौत, पुलिस ने बरामद की पिस्टल

गाजियाबाद में एक पुलिस एनकाउंटर में रविंद्र उर्फ कल्लू और अरुण नामक दो संदिग्धों की मौत हो गई है। पुलिस ने इन दोनों के पास से पिस्टल और गोलियां बरामद की हैं। दिशा पाटनी के परिवार पर हमले के बाद यह कार्रवाई की गई। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी पहले भी कई आपराधिक मामलों में शामिल रहे हैं। इस घटना के बाद दिशा और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाए गए हैं।
 

गाजियाबाद में एनकाउंटर की घटना

गाजियाबाद में एक पुलिस एनकाउंटर में रविंद्र उर्फ कल्लू और अरुण नामक दो संदिग्धों की मौत हो गई है। पुलिस ने इन दोनों के पास से ग्लॉक और जिगाना पिस्टल के साथ कई गोलियां भी बरामद की हैं। बताया जा रहा है कि ये आरोपी रोहित गोदारा और गोल्डी बरार गैंग से जुड़े हुए थे और पहले भी कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।


दिशा पाटनी पर हमले की जानकारी

दिशा पाटनी के पिता के अनुसार, उनके सिविल लाइन स्थित निवास पर पहला हमला 11 सितंबर को सुबह लगभग 4:33 बजे हुआ। उसी दिन पड़ोसियों ने सड़क पर पड़े दो खोखे पुलिस को सौंपे। इसके बाद, दूसरा हमला 12 सितंबर को सुबह 3:30 बजे हुआ। दिशा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी के खिलाफ सोशल मीडिया पर धमकियां और अभद्र टिप्पणियां की जा रही थीं।


एनकाउंटर और पुलिस की कार्रवाई

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने पुष्टि की है कि एनकाउंटर में मारे गए दोनों आरोपियों की पहचान रविंद्र उर्फ कल्लू और अरुण के रूप में हुई है। यह मुठभेड़ गाजियाबाद में हुई, जहां पुलिस ने आरोपियों के पास से ग्लॉक और जिगाना पिस्टल बरामद की। पुलिस ने बताया कि रविंद्र पहले भी कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है और दोनों का संबंध गैंगस्टर रोहित गोदारा और गोल्डी बरार से था.


सामाजिक विवाद और पब्लिक रिएक्शन

इस घटना से पहले, दिशा पाटनी की बहन खुशबू ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज के विवादास्पद बयान की आलोचना की थी। अनिरुद्धाचार्य ने लड़कियों के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे खुशबू ने एंटी-नेशनल करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका आरोप केवल अनिरुद्धाचार्य पर है, प्रेमानंद महाराज पर नहीं। हालांकि, यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और चर्चा का विषय बन गया।


सुरक्षा और आगे की कार्रवाई

पुलिस ने दिशा पाटनी और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की घोषणा की है। गाजियाबाद एनकाउंटर से यह स्पष्ट होता है कि कानून अपना काम कर रहा है और अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। जांच अभी भी जारी है और पुलिस आरोपियों के अन्य संभावित सहयोगियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।