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जींद में सड़क दुर्घटना में आईटीबीपी जवान की दुखद मौत

जींद के गांव गुरुसर में एक आईटीबीपी जवान विक्रम की सड़क दुर्घटना में दुखद मौत हो गई। वह छुट्टी पर घर आया था और एक शादी समारोह से लौटते समय दुर्घटना का शिकार हुआ। पूरे गांव में शोक का माहौल है, और प्रशासन की अनदेखी पर ग्रामीणों ने रोष व्यक्त किया है। जानें इस घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

आईटीबीपी जवान का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ


  • मृतक आईटीबीपी जवान का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।


जींद। नरवाना उपमंडल के गांव गुरुसर में गुरुवार को एक दुखद घटना घटी, जिसमें एक फौजी विक्रम की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई। विक्रम, जो आईटीबीपी का जवान था, पिछले एक महीने से छुट्टी पर था। वह एक शादी समारोह में शामिल होने गया था और लौटते समय गांव बाता और कैलरम के बीच उसकी दुर्घटना हुई। विक्रम अपने परिवार का इकलौता चिराग था और उसकी शादी दो साल पहले हुई थी।


विक्रम के कोई संतान नहीं थी, और पूरे गांव में शोक का माहौल है। गांव के लोग 'विक्रम अमर रहे' के नारों के साथ उसकी विदाई कर रहे थे। विक्रम का पिता लंबे समय से बीमार है, और गांव वालों ने नम आंखों से उसे अंतिम विदाई दी।


दादा प्रहलाद, भूतपूर्व फौजी ने दी श्रद्धांजलि

27 वर्षीय आईटीबीपी जवान विक्रम को अंतिम सलामी देने के लिए पटियाला से बटालियन की एक टुकड़ी आई थी। विक्रम की आकस्मिक मृत्यु पर आस-पास के गांवों के लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे। विक्रम की मौत के बाद पूरे गांव में चूल्हा नहीं जला और हर किसी की आंखों में आंसू थे। बलिदानी विक्रम अमर रहे के नारों के साथ उसका शव श्मशान घाट ले जाया गया। वहां उसके दादा प्रहलाद, जो भूतपूर्व फौजी थे, ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। आईटीबीपी के इंसपेक्टर ने विक्रम के पिता सुरेश को तिरंगा झंडा सम्मान के साथ सौंपा और तिरंगे की महत्ता बताई।


छुट्टी पर घर आया था विक्रम

विक्रम के परिजनों ने बताया कि उसकी ड्यूटी जम्मू-कश्मीर में लेह में थी और वह 2 नवंबर को छुट्टी पर आया था, जबकि उसे 24 नवंबर को वापस जाना था। विक्रम ने पटियाला में 12वीं कक्षा पास की थी और 2019 में आईटीबीपी में भर्ती हुआ था। वह अब सिपाही के पद पर कार्यरत था।


एक अन्य फौजी को छोड़ने के बाद विक्रम अपने गांव लौट रहा था, तभी नींद की झपकी आने के कारण उसकी कार का एक्सीडेंट हो गया। उसके परिवार में दो बहनें हैं और उसकी शादी दो साल पहले हुई थी। 7 नवंबर को उसकी शादी की सालगिरह थी, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह खुशी इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी।


प्रशासन की अनदेखी पर ग्रामीणों का रोष

ग्रामीण मास्टर बलबीर सिंह और परिजनों ने कहा कि विक्रम की अचानक मौत पूरे गांव के लिए एक बड़ा सदमा है। उन्होंने बताया कि श्रद्धांजलि देने के लिए आसपास के गांवों के लोग आए हैं, लेकिन प्रशासन का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, जो बलिदानियों के प्रति प्रशासन की अनदेखी को दर्शाता है। ग्रामीणों और परिजनों ने इस पर रोष व्यक्त किया।