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दिल्ली और गुरुग्राम में स्कूलों के लिए हाइब्रिड कक्षाओं का नया निर्देश

दिल्ली और गुरुग्राम में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण स्कूलों में हाइब्रिड कक्षाओं का नया निर्देश जारी किया गया है। इस व्यवस्था के तहत, पांचवीं कक्षा तक के छात्र ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से पढ़ाई कर सकते हैं। यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जानें इस नए निर्देश के बारे में और क्या विकल्प उपलब्ध हैं।
 

दिल्ली में स्कूलों की स्थिति


नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण आज 14 नवंबर को स्कूलों की स्थिति को लेकर अभिभावकों में चिंता बनी हुई है। राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार पहुंच गया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार ने पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं।


हाइब्रिड कक्षाओं का निर्णय

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाल ही में घोषणा की थी कि पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए कक्षाएं हाइब्रिड मोड में संचालित की जाएंगी। इसका अर्थ है कि छात्र स्कूल जाकर ऑफलाइन पढ़ाई कर सकते हैं या ऑनलाइन कक्षाएं ले सकते हैं। यह निर्णय प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।


दिल्ली के स्कूलों के लिए निर्देश

सीएक्यूएम द्वारा ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के स्टेज थ्री के लागू होने के बाद यह निर्णय लिया गया। प्रदूषण की स्थिति में निरंतर वृद्धि के कारण सरकार को यह कदम उठाना पड़ा है। सभी प्राथमिक छात्रों को घर से पढ़ाई करने का विकल्प दिया गया है, और स्कूलों को इसे लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।


गुरुग्राम में स्कूलों के लिए निर्देश

गुरुग्राम में भी इसी तरह का निर्णय लिया गया है। वहां के डिप्टी कमिश्नर ने 13 नवंबर को आदेश जारी किया कि पांचवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए सभी स्कूल हाइब्रिड मोड में कक्षाएं संचालित करेंगे। आदेश में कहा गया है कि गंभीर प्रदूषण और सीएक्यूएम के निर्देशों के अनुसार छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध कराए जाएंगे।


छात्रों के लिए विकल्प

गुरुग्राम प्रशासन के अनुसार, छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं का विकल्प दिया गया है ताकि छोटे बच्चे प्रदूषण के कारण बाहर जाने से बच सकें। यह निर्णय अभिभावकों की सुविधा और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हालांकि, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) के लिए ऐसी कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है। इन जिलों में स्कूलों से संपर्क करके यह पता लगाया जा सकता है कि क्या प्राथमिक कक्षाओं में हाइब्रिड व्यवस्था लागू की गई है या नहीं।