दिल्ली में AI ग्राइंड कार्यक्रम: शिक्षा और अंतरिक्ष विज्ञान का नया दृष्टिकोण
दिल्ली में AI ग्राइंड का आयोजन
नई दिल्ली: दिल्ली के सेंट्रल पार्क में शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित AI ग्राइंड कार्यक्रम ने तकनीक और अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नई सोच को उजागर किया। इस कार्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंच साझा किया। बच्चों और युवाओं को नई तकनीकों से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में दोनों मेहमानों ने AI, स्पेस टेक और भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की।
AI का महत्व और भविष्य
कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को यह बताना था कि भविष्य में AI शिक्षा से लेकर स्पेस साइंस तक हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शुभांशु शुक्ला ने कहा कि एविएशन, स्पेस साइंस और AI अब एक-दूसरे के पूरक बन गए हैं। उन्होंने बताया कि हर नया स्पेस मिशन और आधुनिक विमान अब AI के बिना आगे नहीं बढ़ सकता।
AI का भविष्य में योगदान
भविष्य में सुरक्षा प्रणालियों में AI का महत्व
शुक्ला के अनुसार, भविष्य की सुरक्षा प्रणालियां, ड्रोन, एयरक्राफ्ट और अंतरिक्ष मिशन पूरी तरह AI आधारित होंगे। उन्होंने बताया कि स्पेस मिशन से आने वाला डेटा इतना विशाल होता है कि AI के बिना उसका विश्लेषण करना संभव नहीं है। छात्रों ने उत्साह से AI ग्राइंड का जिंगल गाया, जिसे देखकर शुक्ला बहुत खुश हुए। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि जीरो ग्रेविटी ने उनके दिमाग पर गहरा प्रभाव डाला।
युवाओं को प्रेरित करते हुए
युवाओं को प्रेरित करते हुए क्या कहा?
उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि भारत तभी 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा जब युवा नई तकनीकों को अपनाएंगे और खुद पर विश्वास करेंगे। उन्होंने कहा कि आसमान कभी सीमा नहीं रहा और आने वाली पीढ़ियां इससे भी आगे जाएंगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि AI कल्पना से भी ऊपर है। उन्होंने कहा कि आज के सरकारी स्कूलों के छात्र बिना ट्यूशन के भी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं।
सीएम रेखा गुप्ता का संदेश
सीएम रेखा गुप्ता ने क्या कहा?
रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि देश की बड़ी आबादी बोझ नहीं बल्कि एसेट है, जिसमें बड़ी संख्या में युवा शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने प्रदूषण पर चिंता जताई और कहा कि इसे कम करने में सरकार और जनता दोनों को मिलकर प्रयास करने होंगे।
उन्होंने बताया कि शुभांशु शुक्ला 2025 में Axiom Mission 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन गए थे और 18 दिनों तक प्रयोग कर सुरक्षित लौटे। वे ISS जाने वाले पहले भारतीय हैं और ISRO के गगनयान मिशन से भी जुड़े हैं।