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दिल्ली में कार धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों की जांच तेज

दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकस कर दिया है। इस घटना में 12 लोगों की जान गई और कई घायल हुए। जांच में जम्मू-कश्मीर के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निसार-उल-हसन के लापता होने की जानकारी सामने आई है। पुलिस एक संदिग्ध कार की तलाश कर रही है, जो हमले में इस्तेमाल की गई थी। जांच में डॉक्टरों के एक नेटवर्क की भूमिका भी सामने आई है, जिससे सुरक्षा सतर्कता बढ़ गई है।
 

दिल्ली में कार बम धमाका


नई दिल्ली: 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के निकट हुए कार बम धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को चिंतित कर दिया है। इस घटना में 12 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।


डॉ. निसार-उल-हसन का लापता होना

जांच में जम्मू-कश्मीर के पूर्व असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. निसार-उल-हसन के लापता होने की जानकारी सामने आई है। डॉ. हसन पहले श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में कार्यरत थे और हाल ही में हरियाणा की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े थे।


अल-फलाह यूनिवर्सिटी का सहयोग

डॉ. निसार-उल-हसन की गुमशुदगी के बाद अल-फलाह यूनिवर्सिटी ने कहा है कि वे जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने बताया कि अब तक किसी भी जांच टीम ने उनके परिसरों का दौरा नहीं किया है। प्रबंधन ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की योजना बनाई है।


हमले में इस्तेमाल की गई कार की तलाश

दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस एक रेड फोर्ड ईको स्पोर्ट कार की खोज में जुटी है, जो इस हमले में उपयोग की गई बताई जा रही है। गाड़ी का नंबर DL10CK0458 है और यह उमर उन नबी उर्फ डॉ. उमर मोहम्मद के नाम पर रजिस्टर्ड है। यह वाहन 2017 में फर्जी पते पर रजिस्टर्ड हुआ था।


डॉक्टरों के नेटवर्क पर जांच

जांच एजेंसियों का मानना है कि डॉ. उमर, जो संभवतः धमाके वाली कार चला रहा था, एक आतंकी लॉजिस्टिक नेटवर्क का हिस्सा था। इसमें नौ से दस लोग शामिल हैं, जिनमें कई डॉक्टर भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, डॉ. उमर ने इस हमले की योजना डॉ. मुझम्मिल और डॉ. शाहीन के साथ बनाई थी।


डीएनए और मोबाइल डेटा से सुराग

पुलिस अब लाल किला क्षेत्र के मोबाइल टावर डेटा का विश्लेषण कर रही है ताकि यह पता चल सके कि घटना के दिन डॉ. उमर ने किन लोगों से संपर्क किया था। इसके साथ ही, उनके परिवार से लिए गए डीएनए सैंपल्स की तुलना ब्लास्ट साइट से मिले जैविक साक्ष्यों से की जा रही है।


सुरक्षा सतर्कता बढ़ी

डॉ. निसार-उल-हसन के लापता होने और डॉक्टरों के नेटवर्क की भूमिका के खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। राजधानी और आसपास के राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह नेटवर्क देश के कई हिस्सों में सक्रिय हो सकता है।