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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जेडीयू के मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन चौंकाने वाला

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रारंभिक रुझानों में एनडीए को भारी बढ़त मिलती दिख रही है। जेडीयू के मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन उम्मीद से अलग है, जहां 4 में से 3 उम्मीदवार आगे चल रहे हैं। इस चुनाव में मुस्लिम मतदाता स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता दे रहे हैं। जानें जेडीयू की रणनीति और आरजेडी के MY समीकरण का प्रभाव।
 

बिहार चुनाव में एनडीए की बढ़त


पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रारंभिक रुझानों में एनडीए को उल्लेखनीय सफलता मिलती दिखाई दे रही है। इस शानदार बढ़त के बीच जेडीयू के मुस्लिम उम्मीदवारों का प्रदर्शन अपेक्षा से भिन्न रहा है। चुनाव के दौरान यह अनुमान लगाया जा रहा था कि मुस्लिम समुदाय जेडीयू से दूर रहेगा, जिससे आरजेडी को लाभ होगा, लेकिन शुरुआती रुझानों ने तस्वीर को पूरी तरह से बदल दिया है।


जेडीयू के मुस्लिम उम्मीदवारों की स्थिति

जेडीयू ने इस बार केवल 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिनमें से 3 उम्मीदवार वर्तमान में आगे चल रहे हैं। अररिया से शगुफ्ता अजीम, जोकिहाट से मंजर आलम और चैनपुर से जमा खान अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि आमौर से सबा जफर पीछे चल रही हैं।


गठबंधन की स्थिति

रुझानों के अनुसार, एनडीए 190 से अधिक सीटों पर बढ़त बना चुका है, जबकि महागठबंधन 45 के आसपास सीमित है। जेडीयू और बीजेपी दोनों ही 80 से अधिक सीटों पर आगे हैं, जिससे गठबंधन की स्थिति मजबूत नजर आ रही है। पिछले चुनाव में केवल 43 सीटें जीतने वाली जेडीयू का यह प्रदर्शन ऐतिहासिक माना जा रहा है।


MY समीकरण का प्रभाव

आरजेडी अपने पारंपरिक MY समीकरण पर निर्भर थी, लेकिन नीतीश कुमार की रणनीति ने इसे कमजोर कर दिया है। मुस्लिम वोटों को लेकर जेडीयू के सामने कई चुनौतियाँ थीं, जैसे वक्फ बिल का विवाद और बांग्लादेशी घुसपैठ पर रुख। हालांकि, अररिया और जोकिहाट जैसी सीटों पर जेडीयू के मुस्लिम उम्मीदवारों को मजबूत समर्थन मिला है।


मुस्लिम उम्मीदवारों की संख्या

यह संकेत मिलता है कि मुस्लिम मतदाता इस बार जातीय समीकरण से हटकर स्थानीय मुद्दों और उम्मीदवारों की विश्वसनीयता को प्राथमिकता दे रहे हैं। इस चुनाव में कुल 79 मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से केवल दो महिलाएं हैं। AIMIM ने 23 और जन सुराज ने 21 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है।


आरजेडी और कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार

आरजेडी ने 18 और कांग्रेस ने 10 मुस्लिम उम्मीदवारों को अवसर दिया है। इसके बावजूद, जेडीयू के केवल 4 मुस्लिम उम्मीदवारों में से 3 का आगे रहना उनकी रणनीति की सफलता का संकेत माना जा रहा है।