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महिलाओं की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार के नए निर्देश

केंद्र सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सभी मंत्रालयों और विभागों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में POSH अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया गया है, जिसमें आंतरिक शिकायत समितियों का गठन और कर्मचारियों को यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानून की जानकारी देना शामिल है। यह पहल कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और भय-मुक्त वातावरण सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जानें इन निर्देशों के बारे में और क्या जानकारी दी गई है।
 

महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए दिशा-निर्देश

केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों को महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में 'कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013' (POSH Act) के प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी सरकारी कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समितियों का गठन अनिवार्य होगा। इन समितियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी कर्मचारियों को यौन उत्पीड़न के खिलाफ कानून और उसके उल्लंघन के दंड के बारे में सही जानकारी हो।
इसके अतिरिक्त, हर कार्यालय को सूचना बोर्डों और अपनी वेबसाइटों पर इन समितियों के सदस्यों के संपर्क विवरण प्रदर्शित करने होंगे। निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी कर्मचारियों के लिए एक सुरक्षित और भय-मुक्त कार्य वातावरण प्रदान करना अनिवार्य है। सभी मंत्रालयों और विभागों को अपनी वेबसाइट पर एक वार्षिक रिपोर्ट भी प्रकाशित करनी होगी, जिसमें ICC को प्राप्त मामलों का विवरण और उन पर की गई कार्रवाई शामिल होगी। इसके साथ ही, नियमित जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया है, जो न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि ICC के सदस्यों के लिए भी होंगे। यह पहल कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और उन्हें एक सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।