राजस्थान में वृद्धा हत्या मामले में दंपती को मिली आजीवन कारावास की सजा
राजस्थान में जघन्य हत्या का मामला
राजस्थान: राजस्थान के सलूंबर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। लगभग साढ़े पांच साल पहले एक वृद्धा की बेरहमी से हत्या कर उसके शव को टुकड़ों में काटकर कट्टे में फेंकने वाले दंपती को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने इसे एक गंभीर अपराध मानते हुए आरोपियों पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
यह घटना सलूंबर जिले के झल्लारा थाना क्षेत्र के खोलडी गांव की है, जहां 24 जुलाई 2020 को 75 वर्षीय झमकू बाई गाड़िया लोहार की हत्या की गई थी। वह अपने पड़ोसी महेंद्र कलाल से उधारी के पैसे मांगने गई थीं, लेकिन उसके बाद वह वापस नहीं लौटी।
परिवार के सदस्यों ने उनकी खोजबीन की, लेकिन झमकू बाई का कोई पता नहीं चला। अगले दिन, 25 जुलाई 2020 को, महिला के शव के टुकड़े प्लास्टिक के कट्टे में नौखली-समोडा रोड के पास मिले। मृतका के बेटों ने शव की पहचान की। पुलिस ने तुरंत हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच में पता चला कि महेंद्र कलाल और उसकी पत्नी सीमा कलाल ने वृद्धा की हत्या उसके गहनों को लूटने के इरादे से की थी। हत्या के बाद, उन्होंने शव को काटकर कट्टे में भरकर फेंक दिया ताकि पहचान छिपाई जा सके।
अदालत में सुनवाई
इस मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय सलूंबर में न्यायाधीश रामेश्वर प्रसाद चौधरी के समक्ष हुई। अभियोजन पक्ष ने 34 दस्तावेज़ और 21 गवाह पेश किए। सभी साक्ष्यों और गवाहों के बयानों के आधार पर अदालत ने दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास और 15 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि यह अपराध अत्यंत क्रूर और अमानवीय है, जिसमें एक निर्दोष वृद्धा पर बर्बरता की गई।
अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह के अपराध समाज की आत्मा को झकझोर देते हैं और यह निर्णय न्याय व्यवस्था में जनता के विश्वास को मजबूत करेगा। अदालत ने निर्देश दिया कि यदि आरोपियों ने दंड की राशि नहीं भरी, तो उन्हें अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। यह फैसला समाज को यह संदेश देता है कि किसी भी प्रकार के लोभ या अपराध के लिए कानून में कोई छूट नहीं है। पीड़ित परिवार को पांच साल से अधिक की लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद न्याय मिला है।