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राहुल गांधी ने 'मेक इन इंडिया' पहल पर उठाए सवाल, कहा असेंबली से आगे बढ़ने की जरूरत

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'मेक इन इंडिया' पहल की आलोचना करते हुए इसे केवल असेंबली तक सीमित बताया। उन्होंने भारत को एक सच्ची विनिर्माण शक्ति बनाने के लिए नीतिगत सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया। गांधी ने छोटे उद्यमियों की समस्याओं को भी उजागर किया और सरकार से समर्थन की मांग की। उनका मानना है कि बिना सुधारों के, यह पहल केवल एक नारा बनकर रह जाएगी।
 

राहुल गांधी की आलोचना

राहुल गांधी: कांग्रेस के प्रमुख नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी 'मेक इन इंडिया' योजना की आलोचना की है। उन्होंने इसे 'महज असेंबलिंग' करार देते हुए कहा कि यह भारत को एक वास्तविक विनिर्माण शक्ति बनाने में असफल रही है। राहुल ने ठोस नीतिगत बदलावों की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि भारत केवल असेंबली लाइन तक सीमित न रहे, बल्कि एक सच्चा विनिर्माण केंद्र बन सके।


आत्मनिर्भरता की आवश्यकता

राहुल गांधी ने शनिवार को अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा, "जब तक भारत उत्पादन में आत्मनिर्भर नहीं हो जाता, तब तक नौकरियों, विकास और 'मेक इन इंडिया' की बातें केवल भाषण बनकर रह जाएंगी।" उन्होंने कहा कि भारत को असेंबली लाइन से आगे बढ़कर एक ऐसी विनिर्माण शक्ति बनना होगा, जो वैश्विक स्तर पर चीन जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सके। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में बनने वाले अधिकांश टीवी के 80 प्रतिशत पुर्जे चीन से आते हैं।


छोटे उद्यमियों की समस्याएं

छोटे उद्यमियों की अनसुनी आवाज: राहुल गांधी ने छोटे और मध्यम उद्यमियों की समस्याओं पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि ये उद्यमी विनिर्माण क्षेत्र में योगदान देना चाहते हैं, लेकिन उनके लिए न तो कोई स्पष्ट नीति है और न ही उचित सरकारी सहायता। इसके विपरीत, भारी कर और कुछ कॉर्पोरेट्स का एकाधिकार छोटे उद्यमियों के लिए चुनौतियां बढ़ा रहा है।


ग्रेटर नोएडा का दौरा

ग्रेटर नोएडा की टीवी इकाई का दौरा: अपने दावों को और मजबूत करने के लिए, गांधी ने ग्रेटर नोएडा में एक स्थानीय टीवी असेंबलिंग इकाई का दौरा किया और इसका 7 मिनट का वीडियो साझा किया। इस वीडियो में उन्होंने वहां के कर्मचारियों और उद्यमियों से बातचीत की। उन्होंने एक बड़ी कंपनी के एकाधिकार के कारण मार्जिन में कमी की समस्या पर भी चर्चा की।


नीतिगत सुधारों की आवश्यकता

आत्मनिर्भर भारत का रास्ता: राहुल गांधी ने अपनी बात को समेटते हुए कहा कि भारत को विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नीतिगत सुधारों की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार से छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन देने, करों में राहत देने और कॉर्पोरेट एकाधिकार को तोड़ने की मांग की। उनका मानना है कि बिना इन सुधारों के 'मेक इन इंडिया' केवल एक नारा बनकर रह जाएगा।