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वेदांता की वित्तीय स्थिति पर क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों का समर्थन

भारत की प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने वेदांता पर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए उसकी वित्तीय स्थिति को स्थिर बताया है। इस स्पष्टीकरण से कंपनी की ऋण चुकौती क्षमता और निवेशकों का भरोसा बढ़ने की उम्मीद है। जानें वेदांता ने अपनी वित्तीय संरचना को मजबूत करने के लिए क्या कदम उठाए हैं और इसका प्रभाव क्या हो सकता है।
 

वेदांता पर आरोपों का खंडन

भारत की प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने वेदांता पर उठाए गए उन सवालों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया था कि कंपनी अपने कर्ज चुकाने में कठिनाइयों का सामना कर रही है। इन एजेंसियों ने वेदांता की क्रेडिट प्रोफाइल को स्थिर बताते हुए आरोपों को निराधार करार दिया है। यह स्पष्टीकरण तब आया है जब कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों और विश्लेषकों ने कंपनी की ऋण चुकौती क्षमता और वित्तीय स्थिरता पर सवाल उठाए थे। इन रिपोर्टों में वेदांता के उच्च ऋण स्तर और नकदी प्रवाह पर दबाव की आशंका व्यक्त की गई थी।


भारत की प्रमुख रेटिंग एजेंसियों, जैसे क्रिसिल, आईसीआरए और इंडिया रेटिंग्स ने वेदांता की क्रेडिट रेटिंग को 'स्थिर' बनाए रखा है। इन एजेंसियों ने कहा है कि वेदांता की विभिन्न व्यावसायिक इकाइयां, जैसे जिंक, तेल और गैस, और एल्युमीनियम, मजबूत प्रदर्शन कर रही हैं, और उनके पास पर्याप्त नकदी प्रवाह है, जो कंपनी को अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में सक्षम बनाता है।


उन्होंने यह भी बताया कि वेदांता ने हाल ही में अपने ऋण को पुनर्वित्त करने और अपनी वित्तीय संरचना को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन उपायों से कंपनी की तरलता स्थिति और ऋण चुकाने की क्षमता में सुधार हुआ है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों का यह रुख वेदांता के लिए एक बड़ी राहत है और इससे निवेशकों का भरोसा बहाल होने की उम्मीद है। यह भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र की मजबूती को भी दर्शाता है, खासकर जब वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएं बनी हुई हैं। यह स्पष्टीकरण वेदांता के स्टॉक और बॉंड बाजार में उसकी धारणा को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।