हरियाणा में बेटी के जन्म का जश्न: सरकार की नई पहल
हरियाणा में लिंगानुपात सुधार योजना की नई पहल
हरियाणा में बेटी के जन्म का जश्न: सरकार की नई पहल हरियाणा की राज्य सरकार ने लिंगानुपात सुधार योजना के तहत एक अनोखी पहल की घोषणा की है। अब प्रदेश में बेटियों के जन्म को सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें पारंपरिक कार्यक्रम जैसे गोद भराई और कुआं पूजन शामिल होंगे।
बेटियों के जन्म पर सार्वजनिक पूजा का आयोजन इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य में लड़कियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और बिगड़ते लिंगानुपात को सुधारना है। महिला एवं बाल विकास विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह गांवों में सार्वजनिक कार्यक्रमों के माध्यम से इस सोच को मजबूत करे।
सामाजिक पर्व के रूप में बेटियों का स्वागत हरियाणा सरकार ने बेटियों के जन्म पर केवल घर के भीतर नहीं, बल्कि पूरे गांव में जश्न मनाने की योजना बनाई है। गोद भराई और कुआं पूजन जैसी परंपराएं अब पंचायत और स्थानीय समाज की भागीदारी से आयोजित की जाएंगी। इससे बेटियों के प्रति मानसिकता में बदलाव आएगा और उन्हें बोझ नहीं, बल्कि सम्मान का प्रतीक माना जाएगा।
महिला एवं बाल विकास विभाग इन कार्यक्रमों का आयोजन गांवों में करेगा और स्थानीय समुदायों को बेटियों के प्रति जागरूक करने का कार्य करेगा।
कम लिंगानुपात वाले गांवों की पहचान राज्य सरकार ने उन 481 गांवों की सूची तैयार की है, जहां 1000 लड़कों पर केवल 700 या उससे कम लड़कियों का अनुपात है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि जागरूकता और योजनाओं के बावजूद कई स्थानों पर बेटियों के प्रति नजरिया चिंताजनक है।
सरकार ने चेतावनी दी है कि यदि इन गांवों में सुधार नहीं हुआ, तो सार्वजनिक तौर पर इनके नाम जारी कर दिए जाएंगे। इससे गांवों पर सामाजिक दबाव बनेगा और स्थानीय प्रशासन को सक्रिय होकर सकारात्मक पहल करनी होगी।
सामाजिक सोच में बदलाव की आवश्यकता लिंगानुपात सुधार केवल योजनाओं से संभव नहीं है, बल्कि इसके लिए लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना होगा। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान तभी सफल होंगे जब जन्म के साथ ही बच्चियों को समाज में स्नेह और मान्यता मिले। हरियाणा सरकार की यह पहल भले ही छोटी लगे, पर यह सामूहिक चेतना को जगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।