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हरियाणा में रिश्वतखोरी के मामले में पूर्व तहसीलदार की गिरफ्तारी

हरियाणा के कैथल जिले में रिश्वतखोरी के एक मामले में पूर्व तहसीलदार मंजीत मलिक को ACB ने गिरफ्तार किया है। यह मामला तब शुरू हुआ जब एक रजिस्ट्री क्लर्क को रंगे हाथों पकड़ा गया था। मंजीत मलिक, जो कि फरार था, अब गिरफ्तार हो चुका है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या है आगे की प्रक्रिया।
 

हरियाणा के कैथल में रिश्वतखोरी का मामला

हरियाणा के कैथल जिले में एक चर्चित रिश्वतखोरी मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने गुहला के पूर्व तहसीलदार मंजीत मलिक को शुक्रवार को गिरफ्तार किया। मंजीत मलिक 18 फरवरी 2025 से फरार था, जब उसके सहकर्मी रजिस्ट्री क्लर्क प्रदीप कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था।


मामले का विवरण

एक शिकायतकर्ता ने ACB अंबाला को बताया कि उसने चीका की अमर सिटी कॉलोनी में 151 गज का प्लॉट खरीदा था और वह उस प्लॉट की रजिस्ट्री अपनी भाभी के नाम करवाना चाहता था। इस प्रक्रिया में, उसने तत्कालीन तहसीलदार मंजीत मलिक से संपर्क किया, जिन्होंने उसे रजिस्ट्री क्लर्क प्रदीप कुमार से मिलने के लिए कहा।


रिश्वत की मांग

प्रदीप कुमार ने रजिस्ट्री कराने के लिए 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी। इस शिकायत के आधार पर, ACB ने जाल बिछाकर प्रदीप को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उसी दिन से मंजीत मलिक गायब हो गया था।


तबादला और निलंबन

हाल ही में सरकार द्वारा जारी की गई तहसीलदारों की तबादला सूची में मंजीत मलिक का नाम था, लेकिन अगले ही दिन उसे निलंबित कर दिया गया। वर्तमान में, मंजीत मलिक गुहला के तहसीलदार के पद पर तैनात नहीं था।


गिरफ्तारी की जानकारी

ACB की जांच में मंजीत मलिक की भूमिका स्पष्ट हो गई थी, लेकिन वह गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार फरार था। क्लर्क प्रदीप के खिलाफ 1 जुलाई 2025 को कैथल की अदालत में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। अब ACB टीम ने मंजीत मलिक को गिरफ्तार कर लिया है। अंबाला के डीएसपी मुकेश ने बताया कि आरोपित को शनिवार को अदालत में पेश किया जाएगा।