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हरियाणा में स्कूलों में किताबों की कमी: परीक्षा नजदीक, छात्रों की चिंता बढ़ी

हरियाणा में सरकारी स्कूलों में किताबों की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे छात्रों की परीक्षा की तैयारी प्रभावित हो रही है। गुरुग्राम के एक स्कूल में 53 छात्रों के लिए केवल 25 किताबें उपलब्ध हैं, जबकि परीक्षा की तारीख नजदीक है। शिक्षा मंत्री के दावों के विपरीत, वास्तविकता यह है कि छात्रों को बिना किताबों के पढ़ाई करनी पड़ रही है। इस स्थिति ने अभिभावकों और शिक्षकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। क्या सरकार इस मुद्दे का समाधान करेगी? जानें पूरी कहानी।
 

हरियाणा में किताबों की कमी का मुद्दा

हरियाणा में स्कूलों की किताबों की कमी: परीक्षा 28 जुलाई को, लेकिन बच्चों के पास किताबें नहीं: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में किताबों की कमी एक बार फिर से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है। जबकि शिक्षा मंत्री मीडिया के सामने सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शिक्षकों की उपलब्धता का दावा कर रहे हैं, वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है।


गुरुग्राम के स्कूलों में किताबों की अनुपलब्धता, परीक्षा नजदीक


यह मामला गुरुग्राम के सोहना ब्लॉक के स्मार्ट ग्राम दोहला के मिडिल स्कूल का है। यहां छठी कक्षा में 53 छात्र हैं, लेकिन शिक्षा विभाग ने केवल 25 सेट किताबें ही भेजी हैं।


शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा की तारीख 28 जुलाई है, लेकिन बच्चों के पास पाठ्यक्रम की किताबें नहीं हैं। इस वर्ष छठी कक्षा का पाठ्यक्रम भी बदला गया है, जिससे पिछले साल की किताबें भी अब अनुपयोगी हो गई हैं।


स्कूल प्रशासन ने मई में विभाग को किताबों की अतिरिक्त मांग भेजी थी, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।


अधिकारी अनुपस्थित, विभाग से कोई सहायता नहीं


जब टीम ने स्थानीय खंड शिक्षा अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की, तो पता चला कि वे कई दिनों से छुट्टी पर हैं।


स्कूल के शिक्षक और अभिभावक दोनों इस स्थिति को लेकर चिंतित हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और मानसिक तनाव बढ़ रहा है।


बाजार में नई किताबें उपलब्ध नहीं हैं, जिससे छात्रों के पास विकल्प भी नहीं है। बिना किताबों के परीक्षा की तैयारी करना किसी चुनौती से कम नहीं है।


इससे सरकार के दावों की सच्चाई पर सवाल उठने लगे हैं।


मंत्री के दावों और वास्तविकता में अंतर


हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने हाल ही में कहा था कि राज्य के किसी भी स्कूल में किताबों की कमी नहीं है।


उन्होंने यह भी कहा कि यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है, तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


लेकिन अब जब गुरुग्राम जैसे महत्वपूर्ण जिले में इस तरह का मामला सामने आया है, तो सवाल उठता है कि कार्रवाई कब और कैसे होगी।


बच्चों का भविष्य दांव पर है, और यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए, तो अभिभावकों का सरकारी स्कूलों पर से भरोसा पूरी तरह उठ जाएगा।