गीता जयंती महोत्सव की भव्य तैयारियां, ब्रह्मसरोवर सज रहा है
कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव की तैयारियां
कुरुक्षेत्र (गीता जयंती महोत्सव)। अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। पवित्र ब्रह्मसरोवर परिसर श्रद्धा, संस्कृति और सृजन का केंद्र बनता जा रहा है। देश-विदेश के कलाकारों और शिल्पकारों की रचनात्मकता से यह ऐतिहासिक स्थल और भी खूबसूरत होगा। सरस और शिल्प मेले के साथ 15 नवंबर से महोत्सव का भव्य आगाज होगा, जिसके लिए अंतिम तैयारियां चल रही हैं। पूरा परिसर दुल्हन की तरह सजने लगा है।
ब्रह्मसरोवर के घाटों पर कलाकारों के लिए मंच तैयार किए जा रहे हैं, जहां विभिन्न क्षेत्रों से आए कलाकार अपनी संस्कृति और कला का प्रदर्शन करेंगे। घाटों पर कलाकारों के अभ्यास और प्रस्तुतियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
महाभारत पात्रों के नाम पर द्वारों का निर्माण
महाभारत पात्रों के नाम पर रखे द्वारों के नाम
गीता महोत्सव में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं का स्वागत इस बार विशेष थीम पर आधारित भव्य द्वारों से किया जाएगा। इन द्वारों के नाम महाभारत के प्रमुख पात्रों के नाम पर रखे गए हैं, ताकि हर आगंतुक को धर्म, साहस और ज्ञान की प्रेरणा मिल सके।
ब्रह्मसरोवर परिसर में ब्रह्मा द्वार, पुरुषोत्तम द्वार, कृष्ण द्वार, अभिमन्यु द्वार, सर्वेश्वर महादेव द्वार, युधिष्ठिर द्वार, अर्जुन द्वार, भीष्म द्वार सहित अन्य पात्रों के नाम पर कुल नौ आकर्षक द्वार बनाए जा रहे हैं।
प्रत्येक द्वार की अपनी एक विशिष्ट पहचान होगी। इन द्वारों पर पारंपरिक डिजाइन और पुष्प सजावट की जा रही है। हर द्वार पर ब्रह्मसरोवर परिसर का मानचित्र और गीता संदेश भी दर्शकों को देखने को मिलेगा, जिससे श्रद्धालुओं को न केवल दिशा की जानकारी मिलेगी बल्कि गीता के गूढ़ संदेश से भी परिचय होगा। ये द्वार केवल प्रवेश का माध्यम नहीं, बल्कि आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक होंगे।
गीता जयंती महोत्सव: कलात्मक धरोहर का प्रदर्शन
Gita Jayanti Festival: कलात्मक धरोहर प्रदर्शित
हर राज्य से आने वाले शिल्पकार अपनी-अपनी लोक परंपराओं और कलात्मक धरोहरों को प्रदर्शित करेंगे। राजस्थान के मिट्टी के शिल्प, असम के बांस कार्य, कर्नाटक के लकड़ी नक्काशी और हरियाणा, पंजाब सहित अन्य प्रदेशों की कारीगरी यहां देखने को मिलेगी।
पूरे ब्रह्मसरोवर परिसर में सफाई, रंग-रोगन और रोशनी का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। रंग-बिरंगे लाइटिंग आरती स्थल, श्रीकृष्ण अर्जुन रथ सहित ब्रह्मसरोवर परिसर के चारों ओर साज-सज्जा व आकर्षक लाइटें लगाई जा रही हैं। गीता महोत्सव विविधता में एकता की थीम पर केंद्रित है।
यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करेंगे, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा से भी रूबरू होंगे। ब्रह्मसरोवर के घाटों पर जब देशभर के कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति देंगे, तब यह पवित्र स्थल श्रद्धा, सेवा और संस्कृति का संगम बन जाएगा।