जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: 250 स्थानों पर छापे
सुरक्षा एजेंसियों की ताबड़तोड़ कार्रवाई
आतंकियों के सहयोगियों की पहचान के बाद 45 लोग हिरासत में लिए गए
जम्मू और श्रीनगर में हाल ही में हुए बम विस्फोट के संबंध में सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की। इस दौरान 250 से अधिक स्थानों पर छापे मारे गए, जिसमें संदिग्ध दस्तावेज, उपकरण और अन्य सामग्री बरामद की गई। इस कार्रवाई में 45 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस के सीआईके ने अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर कश्मीर के विभिन्न जिलों में 13 स्थानों पर एक साथ छापे मारे। इस दौरान 15 लोगों को हिरासत में लिया गया और कई डिजिटल उपकरण जैसे स्मार्टफोन, लैपटॉप, आईपैड और टैबलेट जब्त किए गए।
मुख्य आरोपी की पहचान
घाटी के निवासी हैं धमाके के मुख्य आरोपी
इस साजिश का प्रमुख आरोपी डॉ. मुज्जमिल अहमद गनेई उर्फ मुसैब है, जो पुलवामा के कोइल का निवासी है। इससे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर (यूपी) से डॉ. आदिल अहमद को गिरफ्तार किया था, जो अनंतनाग का निवासी है। आदिल ने अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज से इस्तीफा देकर सहारनपुर में प्रैक्टिस शुरू की। लाल किले के पास धमाके में शामिल पुलवामा निवासी डॉ. उमर नबी भी था, जो इस घटना में मारा गया।
हरियाणा के फरीदाबाद में विस्फोटक की बरामदगी के सिलसिले में अब तक डॉक्टरों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
साजिश का केंद्र फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी
फरीदाबाद में रची गई साजिश
इस विस्फोट की योजना फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में बनाई गई थी। मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल पिछले दो वर्षों से अपने साथियों के साथ मिलकर दिल्ली में आतंक फैलाने की तैयारी कर रहा था। मुजम्मिल पुलवामा से संबंधित है और इस विस्फोट में अन्य मुख्य साजिशकर्ताओं का भी संबंध घाटी से है, जिसके चलते खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में व्यापक अभियान चलाया।