बिहार चुनाव 2025: शशि थरूर ने महागठबंधन की हार पर दी गंभीर प्रतिक्रिया
बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का प्रभाव
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों ने राजनीतिक परिदृश्य को हिला कर रख दिया है, जहां एनडीए स्पष्ट बढ़त के साथ सत्ता की ओर अग्रसर है। इस बीच, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अन्य विपक्षी नेताओं से भिन्नता दिखाते हुए हार का दोष SIR प्रक्रिया पर नहीं डाला।
उन्होंने स्वीकार किया कि यदि रुझान अंतिम परिणामों में परिवर्तित होते हैं, तो महागठबंधन को अपनी रणनीति, संदेश और संगठनात्मक कमियों का गहन विश्लेषण करना होगा.
शशि थरूर की प्रतिक्रिया
थरूर ने स्पष्ट रूप से कहा कि रुझानों में एनडीए की बढ़त 'स्पष्ट और भारी' है। उन्होंने इसे निराशाजनक बताया, लेकिन दोषारोपण के बजाय गंभीर आत्ममंथन की आवश्यकता पर जोर दिया। उनका कहना था कि केवल विचार करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि यह समझना आवश्यक है कि रणनीति, संदेश या संगठनात्मक स्तर पर कहां कमी रह गई। उन्होंने यह भी कहा कि वे चुनावी अभियान में शामिल नहीं थे, इसलिए प्रत्यक्ष अनुभव साझा नहीं कर सकते.
एनडीए की स्थिति
दोपहर 2:50 बजे तक के रुझानों में एनडीए 200 से अधिक सीटों पर आगे था। भाजपा 92 सीटों और जदयू 82 सीटों पर मजबूती दिखा रही थी। यह बढ़त स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि बिहार की जनता ने इस चुनाव में एकतरफा निर्णय लिया है। इन आंकड़ों ने विपक्षी दलों के बीच आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता को और अधिक स्पष्ट किया, जिसे थरूर ने स्वीकार किया।
अखिलेश यादव का बयान
इसके विपरीत, अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए SIR को 'चुनावी साजिश' करार दिया। उन्होंने कहा कि बिहार में अपनाया गया 'गेम' अब किसी अन्य राज्य जैसे पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश में सफल नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने 'PPTV' यानी 'PDA प्रहरी' की तैनाती का उल्लेख करते हुए भाजपा की नीयत पर सवाल उठाए और इसे धोखे की राजनीति बताया.
चुनाव परिणामों पर थरूर का संदेश
थरूर का बयान आधिकारिक परिणामों की घोषणा से पहले आया, जब मतगणना दो चरणों में डाले गए वोटों पर चल रही थी। चुनावी समीकरणों के बदलते संकेतों के बीच विपक्ष की विभिन्न प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं। कहीं आत्ममंथन का स्वर था तो कहीं चुनाव प्रक्रिया को लेकर असंतोष, लेकिन रुझानों ने यह स्पष्ट कर दिया कि मुकाबला एकतरफा होता जा रहा है.
चूक के मोर्चे
थरूर का संदेश महागठबंधन के लिए एक दिशा की तरह देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व को यह समझना होगा कि किन मोर्चों पर चूक हुई। चाहे वह वोट संदेश की कमियां हों, संगठनात्मक ढीलापन या रणनीतिक गलती, थरूर के अनुसार इन सभी का गहन विश्लेषण आवश्यक है.