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बिहार विधानसभा चुनाव: एग्जिट पोल में NDA की बढ़त, OBC और SC वोटरों का समर्थन

बिहार विधानसभा चुनाव 2023 के परिणामों के अनुसार, एग्जिट पोल में NDA की जीत की संभावना जताई गई है। OBC और SC समुदाय के मतदाताओं ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन का समर्थन किया है, जबकि मुस्लिम मतदाता महागठबंधन के पक्ष में रहे। जानें इस चुनाव में जातिगत संरचना और उम्मीदवारों के वितरण का क्या प्रभाव पड़ा।
 

बिहार में चुनावी माहौल


पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं, जिसमें दोनों चरणों की वोटिंग ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दूसरे चरण में मतदान का प्रतिशत 68.79% रहा, जबकि पहले चरण में यह आंकड़ा लगभग 64% था। दोनों चरणों का औसत मतदान 66.93% रहा। चुनाव के बाद विभिन्न सर्वेक्षण एजेंसियों और मीडिया चैनलों ने एग्जिट पोल के परिणाम जारी किए हैं, जिनमें नीतीश कुमार की सरकार के दोबारा बनने की संभावना जताई गई है।


NDA की संभावित जीत

एग्जिट पोल में NDA की बढ़त
मैट्रिज के एग्जिट पोल के अनुसार, NDA को 147 से 167 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 70 से 90 सीटें मिलने की संभावना है। अन्य सर्वेक्षणों में जनसुराज को 0-2 और अन्य दलों को 2-8 सीटें मिलने का अनुमान है। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि बिहार के OBC और अनुसूचित जाति (SC) समुदाय के मतदाताओं ने नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेतृत्व वाले NDA के पक्ष में मतदान किया है।


मतदाता रुझान

OBC और अनुसूचित जाति मतदाता रुझान
मैट्रिज एग्जिट पोल के अनुसार, 51% OBC और 49% SC मतदाताओं ने NDA को वोट दिया, जबकि मुस्लिम मतदाताओं का 78% महागठबंधन के पक्ष में रहा। तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव प्रचार में OBC, दलित और मुस्लिम समुदायों के अधिकारों और आरक्षण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, फिर भी OBC समुदाय का एक बड़ा हिस्सा NDA के पक्ष में रहा।


जातिगत संरचना का प्रभाव

बिहार में जातिगत संरचना और राजनीतिक प्रभाव
बिहार में जाति हमेशा से चुनावी रणनीति का एक महत्वपूर्ण पहलू रही है। अक्टूबर 2023 के अनुसार, राज्य की 13 करोड़ से अधिक आबादी का 60% से अधिक हिस्सा हाशिए पर पड़े समुदायों से संबंधित है। लगभग 85% आबादी OBC, EBC, SC या ST समुदाय से आती है। इसमें EBC 36%, BC 27.1%, SC 19.7%, ST 1.7% और सामान्य वर्ग 15.5% शामिल हैं।


उम्मीदवारों का जातिगत वितरण

उम्मीदवारों का जातिगत वितरण
उम्मीदवारों के विश्लेषण से पता चला है कि दोनों गठबंधनों ने विभिन्न जातियों और समुदायों के नेताओं को टिकट देने में संतुलन बनाए रखा है। महागठबंधन ने यादव समुदाय पर अधिक ध्यान केंद्रित किया और 67 यादव उम्मीदवार उतारे, जबकि NDA ने केवल 19 यादव उम्मीदवार दिए। नीतीश कुमार ने अपनी जाति कुर्मी से 14 उम्मीदवारों को टिकट दिया, जबकि महागठबंधन ने इस जाति से केवल सात उम्मीदवार उतारे।