बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत पर अखिलेश यादव का तीखा हमला
लखनऊ में चुनावी रुझान
लखनऊ: बिहार विधानसभा चुनाव के रुझानों में एनडीए की स्पष्ट जीत की संभावना नजर आ रही है। इस पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने बीजेपी को धोखेबाज करार देते हुए चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।
मतगणना की स्थिति
बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए मतगणना जारी है। प्रारंभिक रुझानों से यह स्पष्ट हो रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को बड़ी बढ़त मिल रही है। दोपहर 2 बजे तक चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, एनडीए 200 से अधिक सीटों पर आगे चल रहा है।
पार्टी प्रदर्शन का विश्लेषण
इसमें बीजेपी 90 सीटों पर, जेडीयू 80 पर, एलजेपी 21 पर, हम पार्टी 4 पर और आरएलएम 4 सीटों पर आगे हैं। दूसरी ओर, महागठबंधन की स्थिति कमजोर नजर आ रही है। आरजेडी 28 सीटों पर, कांग्रेस 5 पर, सीपीआई(एमएल) 3 पर और सीपीआई-एम 1 पर बढ़त बनाए हुए हैं। वीआईपी को कोई सीट नहीं मिल रही है।
नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री पद पर दो दशक
नीतीश कुमार पिछले दो दशकों से बिहार के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। पहले उन्हें 'सुशासन बाबू' कहा जाता था, क्योंकि उन्होंने राज्य को अपराध और अव्यवस्था से बाहर निकाला था।
हालांकि, हाल के वर्षों में उनके गठबंधन में बदलाव और जनता की थकान पर सवाल उठे हैं। फिर भी, मोदी की लोकप्रियता और जेडीयू-बीजेपी की जोड़ी ने एनडीए को मजबूती प्रदान की है।
अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला
अखिलेश यादव ने शुक्रवार को बीजेपी पर जोरदार हमला किया। उन्होंने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को चुनावी साजिश बताया। उनका कहना है कि बिहार में जो हुआ, वह अब पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश या किसी अन्य राज्य में नहीं होने देगा।
अखिलेश ने एक्स पर लिखा, "बीजेपी कोई पार्टी नहीं, बल्कि धोखा है।" उन्होंने कहा कि यह साजिश अब बेनकाब हो चुकी है। आगे से हम उन्हें ऐसा नहीं करने देंगे। सीसीटीवी की तरह हमारा 'पीपीटीवी' यानी 'पीडीए प्रहरी' सतर्क रहेगा और बीजेपी के इरादों को नाकाम करेगा।
महागठबंधन की हार पर अखिलेश का इशारा
अखिलेश का इशारा महागठबंधन की हार की ओर था। उनका मानना है कि एसआईआर जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की गई, जिससे एनडीए को लाभ मिला।
आगे की चुनौतियाँ
बिहार में एनडीए की यह जीत नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी राहत है। लेकिन विपक्षी दल इसे स्वीकार नहीं कर रहे हैं। अखिलेश जैसे नेता इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं। आने वाले चुनावों में विपक्ष और अधिक सतर्क रहेगा। बिहार के परिणाम अन्य राज्यों की राजनीति पर भी प्रभाव डालेंगे।