बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति पर अमित मालवीय का तीखा हमला
बिहार चुनाव के शुरुआती रुझान
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के प्रारंभिक रुझानों ने कांग्रेस और महागठबंधन के लिए निराशाजनक संकेत दिए हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया। मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस एक बार फिर चुनावी हार की ओर बढ़ रही है।
मालवीय का तंज
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि यदि हार के लिए कोई पुरस्कार होता, तो राहुल गांधी इसे हर बार जीत जाते। मालवीय ने यह भी कहा कि राहुल गांधी पिछले 20 वर्षों में 95 चुनावी हार का सामना कर चुके हैं और अब वे हार के 'सेंचुरी क्लब' में शामिल होने से केवल पांच कदम दूर हैं।
अमित मालवीय की टिप्पणियाँ
मालवीय ने यह भी कहा कि कई लोग राहुल गांधी को '9 से 5 ब्लेम-गेम पॉलिटिशियन' मानते हैं, जो हार के बाद संस्थाओं पर आरोप लगाने की आदत रखते हैं। उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या यह राहुल गांधी की पुरानी रणनीति का हिस्सा है। अपने पोस्ट में, उन्होंने उन राज्यों के ग्राफिक्स साझा किए हैं, जहां राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ा है। प्रारंभिक रुझानों के अनुसार, कांग्रेस बिहार की 60 सीटों में से केवल चार पर आगे चल रही थी, जो पार्टी के लिए एक बहुत कमजोर प्रदर्शन है।
सत्ता का भविष्य
बिहार की कुल 243 सीटों में से एनडीए मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही है। दोपहर एक बजे तक, बीजेपी 89 सीटों पर आगे थी, जबकि उसकी सहयोगी जेडीयू 79 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी। दूसरी ओर, महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, वीआईपी और वाम दलों की स्थिति भी खराब नजर आ रही है। एनडीए के इन रुझानों ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में सत्ता एक बार फिर एनडीए के हाथों में जा सकती है।
निखिल कुमार की प्रतिक्रिया
इस बीच, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार ने पार्टी की आंतरिक कमजोरियों को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि संगठनात्मक कमजोरी, खराब रणनीति और जमीनी स्तर पर कमजोर तैयारी के कारण कांग्रेस को यह बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। निखिल कुमार ने यह भी कहा कि पार्टी ने कई जगहों पर सक्षम उम्मीदवारों को मौका नहीं दिया और ऐसे लोगों को टिकट दिया गया जिनके जीतने की संभावनाएं कमजोर थीं।
उन्होंने स्वीकार किया कि बेहतर समन्वय और व्यापक भागीदारी के अभाव ने कांग्रेस को कई महत्वपूर्ण सीटों पर नुकसान पहुंचाया है। निखिल कुमार ने कहा कि पार्टी को संगठन को मजबूत करने और जमीनी स्तर पर नए सिरे से मेहनत करने की आवश्यकता है।