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महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल: एकनाथ शिंदे का उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला करते हुए 2019 के विधानसभा चुनावों में धोखाधड़ी के आरोप लगाए। उन्होंने ठाकरे को 'राजनीतिक गिरगिट' की उपाधि दी और कहा कि ठाकरे ने बीजेपी से अलग होकर कांग्रेस-एनसीपी के साथ हाथ मिलाया। शिंदे ने 2017 में मेयर पद की सिफारिश का भी जिक्र किया और ठाकरे के दोहरे रवैये की आलोचना की। जानें इस राजनीतिक विवाद की पूरी कहानी।
 

महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में उबाल

महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है। विधान परिषद में विपक्ष के 'पिछले सप्ताह के घटनाक्रम' पर चर्चा करते हुए, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिलने के बावजूद, ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस के 40-50 फोन कॉल्स का जवाब नहीं दिया और कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सत्ता में आए।


शिंदे का 'राजनीतिक गिरगिट' का आरोप

एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को 'राजनीतिक गिरगिट' की उपाधि दी, यह कहते हुए कि महाराष्ट्र ने पहले कभी इतना जल्दी रंग बदलने वाला नेता नहीं देखा। उन्होंने यह भी कहा कि फडणवीस ने 2017 में उनकी सिफारिश पर मुंबई के मेयर पद की कुर्सी शिवसेना को दी थी, लेकिन 2019 में ठाकरे ने उन्हें धोखा दिया।


मेयर पद की सिफारिश का जिक्र

शिंदे ने कहा, "2017 के बीएमसी चुनाव में शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीटें मिली थीं। मेरी सिफारिश पर देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना को मेयर पद देने का निर्णय लिया था। लेकिन 2019 में उद्धव ठाकरे ने उन्हें धोखा दिया।"


ठाकरे का कांग्रेस से गठबंधन

शिंदे ने बिना नाम लिए ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा, "महाराष्ट्र ने कभी ऐसा गिरगिट नहीं देखा जो इतनी जल्दी रंग बदलता हो। वे उन्हीं के साथ चले गए, जिन्हें कभी नीच कहा करते थे।" यह इशारा कांग्रेस और एनसीपी से गठबंधन की ओर था, जिसे ठाकरे ने 2019 में बीजेपी से अलग होकर बनाया था।


गुवाहाटी में बागियों का जिक्र

एकनाथ शिंदे ने 2022 की उस घटना को भी याद किया जब वह और उनके समर्थक विधायक गुवाहाटी में ठहरे हुए थे। उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे एक ओर मुझसे मेल-मिलाप की कोशिश कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर दिल्ली में बीजेपी नेताओं से कह रहे थे कि बागी गुट का समर्थन न करें।" यह दर्शाता है कि ठाकरे ने दोहरा रवैया अपनाया था।


लता मंगेशकर पर राजनीति

शिंदे ने एक और बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार मिला, तो ठाकरे इतने नाखुश हो गए कि उन्होंने लता मंगेशकर म्यूजिक स्कूल खोलने का ऐलान वापस ले लिया। "जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो सबसे पहले वही म्यूजिक स्कूल शुरू किया जो ठाकरे ने रोक दिया था।"


ठाकरे से मुलाकात के बाद शिंदे का हमला

गौर करने वाली बात यह है कि शिंदे का यह तीखा हमला उस मुलाकात के अगले दिन आया जब ठाकरे ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। वहीं देवेंद्र फडणवीस ने भी एक दिन पहले सदन में चुटकी लेते हुए कहा था, "उद्धवजी, आप सत्तापक्ष में आ जाइए, पुरानी बातें भुला दीजिए।"