मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद का शिलान्यास, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बाबरी मस्जिद का शिलान्यास
कोलकाता। छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस की वर्षगांठ पर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद का शिलान्यास किया। यह कार्यक्रम केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि लाखों लोगों की उपस्थिति में आयोजित किया गया। हजारों लोग दूर-दूर से ईंटें अपने सिर पर लेकर आए। इस अवसर पर सऊदी अरब के धार्मिक नेता भी मौजूद थे।
हुमायूं कबीर ने अयोध्या की बाबरी मस्जिद के समान मस्जिद की आधारशिला रखी। उन्होंने कड़ी सुरक्षा के बीच मौलवियों के साथ मिलकर इस कार्यक्रम का औपचारिकता पूरी की। इस दौरान 'नारा ए तकबीर' और 'अल्लाहू अकबर' के नारे गूंजते रहे। कार्यक्रम में दो लाख से अधिक लोग शामिल हुए। विभिन्न जिलों से आए लोग ईंटें लेकर आए, कुछ ने ट्रैक्टर, ट्रॉली, रिक्शा या वैन का सहारा लिया।
इस कार्यक्रम को लेकर बेलडांगा और आसपास के क्षेत्रों में शनिवार सुबह से हाई अलर्ट घोषित किया गया था। बेलडांगा में बीएसएफ और केंद्रीय सशस्त्र बलों की 19 टीमें, रैपिड एक्शन फोर्स और स्थानीय पुलिस की कई टीमें तैनात थीं, जिसमें तीन हजार से अधिक जवान शामिल थे। हुमायूं कबीर ने 25 नवंबर को घोषणा की थी कि वे छह दिसंबर को विवादित ढांचे के विध्वंस की 33वीं वर्षगांठ पर बाबरी मस्जिद की आधारशिला रखेंगे।
इस घोषणा के बाद तृणमूल कांग्रेस ने चार दिसंबर को कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया था। शिलान्यास कार्यक्रम से पहले कबीर ने आरोप लगाया था कि कार्यक्रम को बाधित करने के लिए हिंसा भड़काने की साजिशें की जा रही हैं, लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि वे बेलडांगा में मस्जिद की नींव रखेंगे और कोई भी ताकत इसे रोक नहीं सकती।
कबीर ने कहा कि वे कोलकाता हाई कोर्ट के आदेशों का पालन करेंगे। उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट ने शुक्रवार को मस्जिद निर्माण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और कहा था कि कार्यक्रम के दौरान शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी। हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद हुमायूं कबीर ने मस्जिद की नींव रखी।
बाबरी मस्जिद के शिलान्यास कार्यक्रम में सऊदी अरब से धार्मिक नेता शामिल हुए थे। कार्यक्रम 25 बीघा जमीन पर आयोजित किया गया। कबीर ने पहले ही तीन लाख से अधिक लोगों के जुटने का अनुमान लगाया था। कार्यक्रम के लिए डेढ़ सौ फीट लंबा और 80 फीट चौड़ा मंच तैयार किया गया था, जिसमें चार सौ से अधिक लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी।