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राहुल गांधी के बयान से INDIA गठबंधन में असहजता, माकपा ने किया पलटवार

राहुल गांधी के हालिया बयान ने विपक्षी गठबंधन INDIA में असहजता पैदा कर दी है। उन्होंने RSS और CPI-M की तुलना की, जिस पर माकपा महासचिव एम. ए. बेबी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। बेबी ने राहुल की समझ की कमी को उजागर करते हुए कहा कि कांग्रेस का माकपा के खिलाफ रिकॉर्ड कमजोर रहा है। इस बयान ने आगामी बैठक में गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जानें इस राजनीतिक विवाद की पूरी कहानी।
 

CPI और RSS की तुलना पर विवाद

CPI RSS तुलना: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी के बीच विपक्षी गठबंधन INDIA में दरार के संकेत सामने आ रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक विवादास्पद बयान दिया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) की तुलना की। इस पर माकपा महासचिव एम. ए. बेबी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केरल के कोट्टायम में शुक्रवार को राहुल गांधी ने कहा, "मैं आरएसएस और माकपा दोनों के खिलाफ वैचारिक लड़ाई लड़ता हूं, लेकिन मेरी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि इनमें लोगों के प्रति कोई संवेदनशीलता नहीं है।" माकपा ने इस बयान को असंगत और ऐतिहासिक दृष्टि से गलत बताया है।


एम. ए. बेबी का पलटवार

राहुल गांधी पर प्रतिक्रिया


एम. ए. बेबी ने 'एक्स' पर अपने आधिकारिक हैंडल से बयान जारी करते हुए राहुल पर पलटवार किया और कहा, "यह बयान राहुल की समझ की कमी को दर्शाता है। उन्हें याद रखना चाहिए कि 2004 में कांग्रेस की सरकार वामपंथी समर्थन के बिना नहीं बन सकती थी।"


कांग्रेस का कमजोर रिकॉर्ड

माकपा का नेतृत्व


बेबी ने आगे कहा, "केरल में माकपा ने वर्षों से आरएसएस के खिलाफ राजनीतिक और वैचारिक लड़ाई का नेतृत्व किया है। इस संघर्ष में कांग्रेस का रिकॉर्ड कमजोर रहा है। राहुल को यह समझना चाहिए कि माकपा और आरएसएस की तुलना करना तर्कहीन और अपमानजनक है।"


गठबंधन की एकजुटता पर सवाल

बयान से असहजता


राहुल गांधी के इस बयान ने विपक्षी गठबंधन INDIA में असहजता पैदा कर दी है। खास बात यह है कि शनिवार को INDIA की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें कांग्रेस और माकपा दोनों शामिल हैं। ऐसे में एक दिन पहले आया यह बयान गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़ा कर रहा है।


राहुल को दी गई सलाह

राजनीतिक संदर्भ को समझें


बेबी ने अपने बयान में राहुल को सलाह देते हुए कहा, "जब आप माकपा के खिलाफ बोलें, तो कम से कम इतिहास और मौजूदा राजनीतिक संदर्भ को गंभीरता से समझें। केवल बयानबाजी से गठबंधन नहीं चलते।"


माकपा की नाराजगी

आंतरिक मतभेदों का संकेत


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि माकपा की यह नाराजगी INDIA गठबंधन में विचारधारा और नेतृत्व को लेकर चल रहे आंतरिक मतभेदों को उजागर करती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शनिवार की बैठक में इस मुद्दे पर कौन-सा रुख सामने आता है।