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सांगली का इस्लामपुर अब होगा ईश्वरपुर, राजनीति में हलचल

महाराष्ट्र के सांगली जिले में इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर कर दिया गया है, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई है। भाजपा इसे सांस्कृतिक पुनर्स्थापना मानती है, जबकि विपक्ष इसे धार्मिक ध्रुवीकरण का आरोप लगाता है। स्थानीय लोगों की मांग पर यह निर्णय लिया गया है, लेकिन इसके पीछे चुनावी रणनीति की बातें भी उठ रही हैं। जानें इस बदलाव के पीछे की पूरी कहानी और इसके राजनीतिक प्रभाव।
 

इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर

महाराष्ट्र के सांगली जिले में इस्लामपुर का नाम अब "ईश्वरपुर" रखा गया है। इस निर्णय ने राज्य की राजनीतिक स्थिति में हलचल पैदा कर दी है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा इसे "सांस्कृतिक पुनर्स्थापना" के रूप में देख रही है, जबकि विपक्ष इसे "धार्मिक ध्रुवीकरण" और जनता के साथ धोखा मानता है।


भाजपा विधायक नितेश राणे ने इस बदलाव की घोषणा की, यह बताते हुए कि यह मांग स्थानीय निवासियों द्वारा लंबे समय से की जा रही थी। उन्होंने कहा, "ईश्वरपुर नाम हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ा है, और अब लोगों की भावनाओं का सम्मान किया गया है।"


हालांकि, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि "महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए यह सांप्रदायिक कार्ड खेला जा रहा है।" NCP नेताओं ने आरोप लगाया कि यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य एक विशेष वर्ग को खुश करना है।


स्थानीय स्तर पर भी इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे गर्व का विषय मानते हैं, जबकि अन्य इसे सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने वाला कदम मानते हैं।


राज्य सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है और नगर प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सभी सरकारी दस्तावेजों और बोर्डों में नए नाम का उपयोग किया जाए। यह मुद्दा भविष्य में महाराष्ट्र की राजनीति में और भी तीखी बहस का कारण बन सकता है।