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हरियाणा में बिजली बिल विवाद: 1.45 करोड़ रुपये का बिल परिवार के लिए बना संकट

हरियाणा के करनाल जिले में एक परिवार को 1.45 करोड़ रुपये का बिजली बिल भेजा गया है, जिसने उनकी खुशियों को छीन लिया है। बिजली कनेक्शन कटने के कारण पहले से ही परेशान परिवार को इस भारी बिल ने मानसिक तनाव में डाल दिया है। परिवार के मुखिया को हार्ट अटैक आ गया है, और उनकी बेटी की UPSC की पढ़ाई भी ठप हो गई है। बिजली विभाग ने गलती मान ली है, लेकिन परिवार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यह मामला सिस्टम की लापरवाही पर भी सवाल उठाता है।
 

हरियाणा में बिजली बिल का विवाद

हरियाणा के करनाल जिले से एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक परिवार को 1.45 करोड़ रुपये का बिजली बिल भेजा गया है। इस घटना ने परिवार की खुशियों को पल भर में छीन लिया।


बिजली विभाग ने इस भारी-भरकम बिल के जरिए परिवार को मानसिक तनाव में डाल दिया है। पहले से ही बिजली कनेक्शन कटने के कारण परेशान परिवार अब इस विशाल बिल को देखकर हैरान है।


जब परिवार ने इस बिल को सुधारने के लिए बिजली निगम के कार्यालय का रुख किया, तो उन्हें बिजली मंत्री अनिल विज से मिलने की सलाह दी गई। अधिकारियों ने कहा कि यदि मंत्री से मिलकर समाधान नहीं हुआ, तो कोई उम्मीद नहीं है। इसके अलावा, विभाग ने परिवार को जमीन कुर्क करने का नोटिस भी जारी किया।


परिवार पर प्रभाव और स्वास्थ्य समस्याएं

इस बिल और नोटिस के कारण परिवार के मुखिया को इतना तनाव हुआ कि उन्हें हार्ट अटैक आ गया। परिवार का कहना है कि पिछले डेढ़ साल से उनके घर में बिजली नहीं है। UPSC की तैयारी कर रही उनकी बेटी की पढ़ाई भी ठप हो गई है, और घर का व्यवसाय भी पूरी तरह से बंद हो चुका है।


परिवार के सदस्यों की आंखों में डर और चिंता साफ झलक रही थी। इस स्थिति का असर केवल आर्थिक स्तर पर नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी पड़ा है। यह मामला एक परिवार की कहानी नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही पर भी सवाल उठाता है।


बिजली विभाग की गलती और कानूनी लड़ाई

बिजली निगम के SDO ने स्वीकार किया है कि परिवार ने कोर्ट में कानूनी लड़ाई हार चुकी है। उन्होंने बताया कि निगम की एक गलती के कारण बिल की राशि अत्यधिक दिखाई गई है। हालांकि, गलती मान ली गई है, लेकिन इसका खामियाजा आम नागरिक को भुगतना पड़ रहा है।


यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि लाखों लोगों की चिंता का विषय है। यदि सिस्टम की गलती से किसी को 1.45 करोड़ रुपये का बिल भेजा जा सकता है, तो यह सवाल उठता है कि क्या ऐसा और भी लोगों के साथ हो सकता है?