जनरल द्विवेदी ने रीवा में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की
रीवा में जनरल द्विवेदी का संबोधन
रीवा: मध्य प्रदेश के रीवा में एक कार्यक्रम में थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अभियानों में सशस्त्र बलों को पूरी परिचालन स्वतंत्रता प्रदान की है। उन्होंने इसे भारत की सैन्य उपलब्धियों में एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया।
शनिवार को टीआरएस कॉलेज, रीवा में आयोजित कार्यक्रम में जनरल द्विवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में मिली स्पष्ट दिशा और रणनीतिक स्वतंत्रता ने भारतीय सेनाओं को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करने में सहायता की।
उन्होंने कहा कि हमारे राजनीतिक नेतृत्व की सोच स्पष्ट थी और उन्होंने हमें पूरी छूट दी। यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री ने सेनाओं को इतनी स्वतंत्रता दी है।
'ऑपरेशन सिंदूर' का महत्व
जनरल द्विवेदी ने बताया कि इस अभियान का नाम स्वयं प्रधानमंत्री मोदी ने रखा था। उन्होंने कहा कि 'सिंदूर' शब्द भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। जब कोई मां, बहन या बेटी सिंदूर लगाती है, तो यह देश की सीमा पर खड़े सैनिक के लिए मंगलकामना का प्रतीक होता है।
उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को केवल एक सैन्य जीत नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, अखंडता और शांति की पुनर्स्थापना का मिशन बताया। जनरल ने कहा कि इस अभियान ने थल सेना, नौसेना और वायुसेना को एकजुट किया और पूरे देश को एक साझा भावना से जोड़ा।
सफलता के स्तंभ
सेना प्रमुख ने अभियान के दौरान तीन प्रमुख सिद्धांतों - साहस, आत्मविश्वास और शांति का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने कठिन परिस्थितियों में भी शांत रहकर नेतृत्व किया, जिससे नागरिकों को यह विश्वास मिला कि वे सुरक्षित हाथों में हैं।
उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने अभियान के दौरान सीमा से 100 किलोमीटर आगे बढ़कर खतरों को बेअसर किया और रणनीतिक सटीकता के साथ जोखिमों को न्यूनतम रखा।
युद्ध की नई चुनौतियां
जनरल द्विवेदी ने बदलते वैश्विक परिदृश्य में युद्ध की नई प्रकृति पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब संघर्ष केवल भूमि पर नहीं, बल्कि साइबर, अंतरिक्ष और सूचना युद्ध के मोर्चों पर भी लड़ा जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि परिवर्तन की गति इतनी तेज है कि जब तक आप एक चुनौती को समझते हैं, तब तक दूसरी सामने आ जाती है।
युवा छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जेनरेशन 'Z' भारत के भविष्य की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया की सबसे बड़ी जेनरेशन Z आबादी है। अनुशासन और दिशा के साथ यही पीढ़ी भारत को कई पीढ़ियों आगे ले जा सकती है।