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दुनिया जब अज्ञानता के अंधकार में डूबी थी, तब हम विश्व को ज्ञान की रोशनी दे रहे थे-दिलावर

 


जयपुर, 27 फरवरी (हि.स.)। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री दिलावर ने कहा है कि भारत ज्ञान और विज्ञान के मामले में सदियों से विश्व का नेतृत्व करता रहा है। महाभारत काल में संजय द्वारा कुरुक्षेत्र में हो रहे युद्ध का आंखों देखा हाल सुनाना विज्ञान का ही चमत्कार था रामायण भगवान श्री राम का लंका से पुष्पक विमान के जरिए अयोध्या लौटना भी हमारे समृद्ध विज्ञान का परिचायक है।

मदन दिलावर आज यहां अपेक्स यूनिवर्सिटी परिसर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग राजस्थान सरकार एवं विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वधान में विज्ञान दिवस पर आयोजित विज्ञान महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। मंत्री दिलावर ने कहा कि दुनिया में आज विज्ञान के क्षेत्र में बहुत शोध हुए हैं किंतु अभी भी बहुत सारा काम होना बाकी है। उन्होंने भारत के विज्ञान की प्रशंसा करते हुए कहा कि भारत प्राचीन काल से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मामले में समृद्ध रहा है। पूरी दुनिया को शून्य भारत की ही देन है जो की एक अति महत्वपूर्ण खोज है। आज के युग की बात करें तो यह हमारे वैज्ञानिक काबिलियत का ही परिचायक है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सबसे पहले सैटेलाइट उतारने वाला देश हमारा भारत देश है।

दिलावर ने व्यंग्य करते हुए बताया कि अंग्रेज़ जब भारत आए तो हमारी जलेबी को देखकर चकित रह गए और सवाल करते थे कि इसमें रस कैसे चला जाता है। इतना ही नहीं हमारी समृद्ध कृषि का भी वह लोहा मानते थे। जब हम कपास उगा कर रजाई का प्रयोग करते थे।तब वह यह पूछते थे की रजाई किस पेड़ पर उगती है। मंत्री दिलावर ने कहा कि हमें विज्ञान के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित करने हैं। आने वाली पीढ़ी इस दिशा में प्रेरित हो और नए-नए शोध कर देश और दुनिया को विज्ञान के नए चमत्कारों से अवगत करवाए।

कार्यक्रम के प्रारंभ में दिलावर ने स्वस्तिवाचन के बीच मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। विज्ञान भारतीय राजस्थान के सचिव डॉ नागेंद्र शर्मा ने मंत्री का स्वागत किया। अपेक्स यूनिवर्सिटी जयपुर के उप कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शांतनु ने स्वागत भाषण दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश