×

गुरुग्राम में चौथी मंजिल से गिरने वाली महिला की दुखद कहानी

गुरुग्राम में एक महिला की चौथी मंजिल से गिरने की घटना ने सभी को चौंका दिया। यह हादसा पति-पत्नी के बीच मजाक के दौरान हुआ, जब महिला ने दीवार पर चढ़कर गिरने का मजाक किया। पति ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह गिर गई और अस्पताल में उसकी मौत हो गई। जानें इस दुखद घटना के पीछे की पूरी कहानी और पति का बयान।
 

पति-पत्नी के मजाक ने लिया एक जान


(गुरुग्राम) हरियाणा: गुरुग्राम में एक महिला की चौथी मंजिल से गिरकर मौत हो गई। यह घटना पति-पत्नी के बीच मजाक के दौरान हुई। महिला की पहचान पार्वती के रूप में हुई, जो उड़ीसा की निवासी थी और अपने पति के साथ गुरुग्राम में रह रही थी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।


पति का दुखद बयान

महिला के पति, दुर्योधन ने कहा कि उनका सपना था कि वे यहां मेहनत करके एक बेहतर भविष्य बनाएंगे, लेकिन यह सब अचानक खत्म हो गया। उन्होंने 19 जुलाई को अपने इंस्टाग्राम पर लिखा, "तुम मेरी जिंदगी हो, तुम मेरी सब कुछ हो, कृपया वापस आ जाओ।"


दंपती की पृष्ठभूमि

दुर्योधन राव, जो मूल रूप से उड़ीसा के गंजम जिले के निवासी हैं, ने पार्वती से लगभग ढाई साल पहले शादी की थी। दुर्योधन एक निजी कंपनी में सोशल मीडिया कंटेंट मॉडरेटर के रूप में कार्यरत थे, जबकि पार्वती एक कॉल सेंटर में कार्यरत थीं। दोनों गुरुग्राम के डीएलएफ फेज 3 में एक 2 बीएचके फ्लैट में रहते थे।


छत पर बिताए सुकून के पल

दुर्योधन ने बताया कि 15 जुलाई की शाम को वे दोनों छत पर कुछ समय बिताने गए थे। उस समय मौसम अच्छा था और वे हंस-मजाक कर रहे थे। अचानक पार्वती छत की दीवार पर चढ़ गई और मजाक में पूछा कि अगर वह गिर जाए तो क्या दुर्योधन उसे बचा लेंगे।


दुर्घटना का विवरण

दुर्योधन ने पार्वती को नीचे उतरने के लिए कहा और उसे पकड़ने की कोशिश की। उन्होंने पार्वती को कसम दी कि अगर वह नहीं उतरी तो वह खाना नहीं खाएंगे। जैसे ही पार्वती नीचे उतरने लगी, उसका संतुलन बिगड़ गया। दुर्योधन ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह हाथ से छूट गई और चौथी मंजिल से गिर गई।


अस्पताल में मौत

दुर्योधन ने कहा कि वह तुरंत नीचे दौड़े और पार्वती को अस्पताल ले गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने के आधे घंटे बाद पार्वती ने दम तोड़ दिया।


जांच अधिकारी का बयान

डीएलएफ फेस 3 थाने के जांच अधिकारी ने बताया कि यह एक दुखद हादसा है और इसमें किसी की गलती नहीं है। पार्वती के परिवार को भी किसी गड़बड़ी का संदेह नहीं है। दुर्योधन के हाथों और छाती पर चोट के निशान इस बात की पुष्टि करते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी को बचाने की पूरी कोशिश की।