चिराग पासवान की राजनीतिक ताकत: बिहार चुनाव 2025 में एलजेपी का प्रभाव
चिराग पासवान की बढ़ती राजनीतिक हैसियत
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में चिराग पासवान और उनकी पार्टी एलजेपी (रामविलास) ने एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। चुनाव से पहले ही यह स्पष्ट हो गया था कि एनडीए के लिए चिराग की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है, क्योंकि सीट बंटवारे में उन्होंने सबसे अधिक मोलभाव किया।
भाजपा भी उन्हें मनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही थी, यहां तक कि चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी उनसे मिलने पहुंचे। अब जब चुनाव के परिणाम सामने आ रहे हैं, यह स्पष्ट हो गया है कि चिराग की राजनीतिक स्थिति क्यों इतनी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी।
एलजेपी (आर) का शानदार प्रदर्शन
एनडीए के तहत, एलजेपी (आर) ने इस बार 29 सीटों पर चुनाव लड़ा और प्रारंभिक परिणाम दर्शाते हैं कि पार्टी 22 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। यह प्रदर्शन चिराग की रणनीति को मजबूत साबित करता है और यह दर्शाता है कि उनकी पार्टी ने इस चुनाव में कितना प्रभावशाली प्रदर्शन किया है।
पिछली विधानसभा में एलजेपी (रामविलास) का कोई विधायक नहीं था, फिर भी एनडीए ने उन पर भरोसा करते हुए 29 सीटें दीं। चिराग ने अपने प्रदर्शन से उस भरोसे को सही साबित किया है और एनडीए के लिए एक 'विनिंग फैक्टर' बनकर उभरे हैं।
एनडीए का सीट बंटवारा
- जेडीयू: 101 सीटें
- बीजेपी: 101 सीटें
- एलजेपी (रामविलास): 29 सीटें
- हम (जितन राम मांझी): 6 सीटें
- राष्ट्रीय लोक मोर्चा (उपेंद्र कुशवाहा): 6 सीटें
यह स्पष्ट है कि एलजेपी (आर) को दी गई सीटों की संख्या अन्य छोटे सहयोगियों की तुलना में अधिक है, जो चिराग की राजनीतिक महत्वता को दर्शाता है।
चिराग का राजनीतिक पुनरुत्थान
2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने NDA से अलग होकर 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन केवल एक सीट मटियानी पर जीत हासिल की थी। बाद में वह विधायक भी जेडीयू में शामिल हो गए, जिससे चिराग पूरी तरह खाली हाथ रह गए।
हालांकि, 2025 ने चिराग की किस्मत और राजनीतिक साख दोनों को बदल दिया है। एनडीए में वापसी और बेहतर सीट बंटवारे के साथ उन्होंने जिस प्रदर्शन से खुद को साबित किया है, वह उनके लिए एक उल्लेखनीय राजनीतिक पुनरुत्थान है।
एनडीए के लिए चिराग की आवश्यकता
सीमांचल और दलित बहुल क्षेत्रों में चिराग की पकड़ मजबूत है। युवा मतदाताओं में उनका बड़ा प्रभाव है। चिराग के चुनाव प्रचार ने एनडीए को नए सामाजिक समीकरण दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यदि यह प्रदर्शन जारी रहा, तो भविष्य में एनडीए में चिराग की भूमिका और भी मजबूत होगी।
2025 का यह चुनाव चिराग पासवान के लिए एक नई शुरुआत साबित होता दिख रहा है। परिणाम स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि एलजेपी (रामविलास) केवल एक सहयोगी दल नहीं, बल्कि एनडीए का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनकर उभर रही है।