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तेलंगाना सरकार का समावेशी कल्याण का दृष्टिकोण

तेलंगाना सरकार ने समावेशी कल्याण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मंत्री पटनम महेंद्र रेड्डी ने विश्वकर्मा जयंती पर कारीगरों को आधुनिक औजार और पहचान पत्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव किए बिना सभी वर्गों के लिए विकास सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में, सरकार हर व्यक्ति के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
 

समावेशी विकास की दिशा में कदम

तेलंगाना सरकार की प्राथमिकताएं क्या हैं? क्या योजनाओं का लाभ केवल कुछ लोगों तक सीमित है या यह समाज के सभी वर्गों तक पहुंच रहा है? इन सवालों का उत्तर देते हुए मंत्री पटनम महेंद्र रेड्डी ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य 'समावेशी कल्याण' है, जिसमें जाति या धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाता।

विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में, उन्होंने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को नए औजार, पहचान पत्र और प्रमाण पत्र वितरित किए। इस अवसर पर महेंद्र रेड्डी ने कहा, "जब हम एक कारीगर को आधुनिक उपकरण प्रदान करते हैं, तो हम केवल उसकी सहायता नहीं कर रहे, बल्कि उसकी सदियों पुरानी कला और कौशल को भी सम्मानित कर रहे हैं। यही हमारी सरकार का दृष्टिकोण है।" उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के नेतृत्व में, सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि विकास का लाभ राज्य के हर कोने और हर व्यक्ति तक पहुंचे।

महेंद्र रेड्डी ने कहा, "चाहे वह किसान हो, कारीगर हो, महिला हो या युवा, हमारी सभी योजनाएं हर किसी के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हैं।" उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि तेलंगाना को विकास और कल्याण का एक आदर्श राज्य बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है और इस यात्रा में किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा।