पंजाब में प्रदूषण के खिलाफ सख्त कदम: ज़ीरा की डिस्टलरी हुई बंद
पंजाब में पर्यावरण की सुरक्षा की नई दिशा
पंजाब एक समय प्रदूषण और पर्यावरणीय संकट से जूझ रहा था, लेकिन हाल के वर्षों में राज्य की प्राथमिकताएँ बदल गई हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में, विकास का मतलब अब केवल औद्योगिक विस्तार नहीं है, बल्कि यह स्वच्छ पर्यावरण, साफ पानी और नागरिकों के स्वास्थ्य से भी जुड़ा है.
सरकार का निर्णायक कदम
इसी सोच के तहत, राज्य सरकार ने फिरोजपुर जिले के ज़ीरा क्षेत्र में स्थित विवादास्पद मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की डिस्टलरी और एथनॉल इकाई को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि पंजाब में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के लिए कोई स्थान नहीं है.
इस फैक्ट्री पर कई वर्षों से पर्यावरण मानकों के उल्लंघन के आरोप लगते रहे हैं। इन शिकायतों की पुष्टि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में प्रस्तुत हलफनामे से भी हुई है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग के विशेष सचिव मनीष कुमार द्वारा 2 नवंबर 2025 को प्रस्तुत इस हलफनामे में कहा गया है कि यूनिट ने हवा, पानी और मिट्टी को गंभीर रूप से प्रदूषित किया है।
सख्त निर्णय का समर्थन
दिलचस्प बात यह है कि पिछली सुनवाई में फैक्ट्री प्रबंधन ने केवल एथनॉल इकाई को चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने इसे भी ठुकरा दिया। सरकार का तर्क है कि जिस उद्योग का पर्यावरणीय रिकॉर्ड इतना खराब हो, उसे संचालित करना जनता के हित में नहीं है।
हलफनामे में यह भी उल्लेख किया गया है कि डिस्टलरी और एथनॉल प्लांट दोनों का अंतिम उत्पाद इथाइल अल्कोहल है, इसलिए इन दोनों गतिविधियों को अलग नहीं किया जा सकता। इस आधार पर, परियोजना की स्थायी बंदी को उचित समाधान माना गया है.
प्रदूषणकर्ता भुगतान सिद्धांत की मांग
पंजाब सरकार ने इस मामले में 'प्रदूषणकर्ता भुगतान सिद्धांत' को लागू करने की मांग की है। इसका मतलब है कि पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई उसी उद्योग से की जाएगी जिसने प्रदूषण फैलाया। सरकार का कहना है कि ज़ीरा के पर्यावरण को साफ करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और इसकी वित्तीय जिम्मेदारी उद्योग को उठानी होगी.
यह निर्णय ज़ीरा के स्थानीय संगठनों, जैसे ज़ीरा सांझा मोर्चा और पब्लिक एक्शन कमेटी (PAC) के संघर्ष की बड़ी जीत मानी जा रही है। PAC ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि पहली बार सरकार ने स्वीकार किया है कि यह उद्योग प्रदूषण का कारण था और इसे बंद करना सही कदम है.
मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार के इस निर्णय से स्पष्ट है कि पंजाब में लोगों की सेहत और 'रंगला पंजाब' का सपना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस मामले की अगली सुनवाई NGT में 24 नवंबर को निर्धारित है.