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पंजाब सरकार की तीर्थ यात्रा योजना: बुजुर्गों के सपनों को दे रही पंख

पंजाब सरकार ने बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की है, जिससे वे अपने धार्मिक स्थलों की यात्रा कर सकेंगे। इस योजना के तहत 50 साल से अधिक उम्र के लोग भी लाभ उठा सकते हैं। पहले चरण में हजारों लोगों ने मुफ्त यात्रा का लाभ उठाया। योजना में हिंदू, सिख और मुस्लिम धर्मों के पवित्र स्थलों को शामिल किया गया है। सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं। यह योजना केवल यात्रा नहीं, बल्कि पंजाब की संस्कृति और भाईचारे का प्रतीक है।
 

धर्म और भक्ति की गहरी जड़ें

Punjab News: पंजाब की संस्कृति में धर्म और भक्ति का गहरा प्रभाव है। यहां के लोग अपने गुरुओं और संतों की शिक्षाओं को जीवन का आधार मानते हैं। लेकिन आर्थिक कठिनाइयों और जिम्मेदारियों के चलते कई बुजुर्ग अपनी तीर्थ यात्रा का सपना अधूरा छोड़ देते थे। मुख्यमंत्री मान ने तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत कर उनकी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने का वादा किया है। यह योजना केवल यात्रा नहीं, बल्कि सरकार और जनता के बीच विश्वास का एक पुल भी है।


पहले चरण की सफलता

पहले चरण की सफलता मिली

यह योजना 6 नवंबर 2023 को शुरू हुई थी। पहले चरण में, जो 27 नवंबर से 29 फरवरी 2024 तक चला, 33 हजार से अधिक लोगों ने मुफ्त यात्रा का लाभ उठाया। गुरु पर्व के अवसर पर पहली ट्रेन अमृतसर से नांदेड़ साहिब के लिए रवाना हुई। इस चरण के लिए 40 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। लोगों की भारी मांग और सफलता को देखते हुए अब इसका दूसरा चरण शुरू किया जा रहा है।


योजना में बदलाव

अब 50 साल के भी पात्र

पंजाब सरकार ने अप्रैल 2025 में योजना में बदलाव किया है। अब 60 साल से अधिक नहीं, बल्कि 50 साल से अधिक उम्र वाले भी इसका लाभ उठा सकेंगे। इसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। सरकार का लक्ष्य है कि 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को देशभर के धार्मिक स्थलों के दर्शन कराए जाएं। इस निर्णय से लाखों घरों में उम्मीद की किरण जगी है।


धार्मिक स्थलों की विविधता

अलग-अलग धर्मों के स्थल शामिल

इस योजना में हिंदू, सिख और मुस्लिम धर्मों के पवित्र स्थलों को शामिल किया गया है। हिंदू श्रद्धालुओं के लिए वैष्णो देवी, चिंतपूर्णी, ज्वाला जी, मथुरा, वृंदावन और खाटू श्याम धाम जैसे स्थल हैं। सिख श्रद्धालुओं के लिए पटना साहिब, आनंदपुर साहिब, हजूर साहिब और दमदमा साहिब निर्धारित किए गए हैं। मुस्लिम श्रद्धालुओं के लिए अजमेर शरीफ और जामा मस्जिद जैसी जगहें शामिल हैं। सभी यात्राएं ट्रेन और एसी बसों के माध्यम से कराई जाएंगी।


यात्रियों की सुविधा

यात्रियों की पूरी सुविधा होगी

सरकार ने यात्रियों के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं। यात्रा के दौरान खाने-पीने की सुविधाएं मुफ्त होंगी। प्रत्येक यात्री को एक किट प्रदान की जाएगी, जिसमें चादर, कंबल, तौलिया और अन्य आवश्यक सामान शामिल होगा। 75 साल से अधिक उम्र के लोग अपने साथ एक युवा साथी को ले जा सकेंगे ताकि उनकी देखभाल में मदद मिल सके। डॉक्टरों और अधिकारियों की टीम हर जत्थे के साथ जाएगी। ये सभी इंतजाम यात्रियों को सुरक्षा और सुकून प्रदान करने के लिए हैं।


बुजुर्गों की खुशी

बुजुर्गों की आंखों में चमक

गांव-गांव से बुजुर्ग इस योजना का हिस्सा बन रहे हैं। संगरूर की जसवीर कौर ने पहली बार हजूर साहिब जाकर खुद को भाग्यशाली माना। लौटकर उन्होंने बताया कि सरकार ने दिल से उनकी ख्वाहिश पूरी की। उनके जैसे हजारों बुजुर्ग अपने घर लौटकर परिवार और पड़ोसियों को अपनी यात्रा के किस्से सुना रहे हैं। यह योजना लोगों के लिए केवल यात्रा नहीं, बल्कि भावनाओं का सम्मान बन गई है।


आस्था और अमन का संदेश

आस्था और अमन का संदेश

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना केवल धार्मिक यात्रा नहीं है। यह पंजाब की संस्कृति, भाईचारे और अमन का प्रतीक है। गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं के अनुसार, यह समाज को जोड़ने और लोगों को करीब लाने का कार्य कर रही है। सरकार ने यह साबित कर दिया है कि असली कल्याणकारी राज्य वही है, जो जनता की भौतिक और आत्मिक जरूरतों का ध्यान रखता है। यह पहल पंजाब के दिलों को जोड़ने का कार्य कर रही है।