श्रीलंकाई क्रिकेट खिलाड़ियों ने पाकिस्तान दौरा सुरक्षा चिंताओं के चलते छोड़ा
श्रीलंकाई खिलाड़ियों का पाकिस्तान दौरा रद्द
नई दिल्ली: इस्लामाबाद में हुए बम विस्फोट के बाद, श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के आठ खिलाड़ियों ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान में अपने दौरे को समाप्त करने का निर्णय लिया है। रिपोर्टों के अनुसार, ये खिलाड़ी गुरुवार को अपने देश लौटेंगे। इस धमाके में 12 लोगों की जान गई और कई अन्य घायल हुए, जिसके बाद खिलाड़ियों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की। इस कारण, रावलपिंडी में निर्धारित दूसरा एकदिवसीय मैच अब नहीं खेला जाएगा।
पहला वनडे मंगलवार को खेला गया था, जिसमें पाकिस्तान ने छह रनों से जीत दर्ज की थी। इस तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के बाद, श्रीलंका को पाकिस्तान और जिम्बाब्वे के साथ त्रिकोणीय श्रृंखला भी खेलनी थी, लेकिन अब इसके आयोजन पर अनिश्चितता बनी हुई है।
दूसरा वनडे रद्द होने की संभावना
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, श्रीलंका क्रिकेट (SLC) ने बताया है कि दूसरा वनडे रद्द किया जा सकता है। हालांकि, श्रीलंकाई बोर्ड त्रिकोणीय श्रृंखला को जारी रखने के लिए स्थानापन्न खिलाड़ियों को भेजने की योजना बना रहा है।
खिलाड़ियों के इस निर्णय का मुख्य कारण यह है कि रावलपिंडी का स्टेडियम इस्लामाबाद के निकट स्थित है, जहां धमाका हुआ था। खिलाड़ियों का मानना है कि इस समय सुरक्षा के लिहाज से यह क्षेत्र संवेदनशील है।
2009 का दर्दनाक हमला याद दिलाता है
2009 में श्रीलंकाई टीम पर हुआ था आतंकी हमला
यह घटना 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई टीम पर हुए आतंकी हमले की याद दिलाती है। उस समय, टीम गद्दाफी स्टेडियम में दूसरे टेस्ट के लिए जा रही थी, तभी आतंकियों ने उनकी बस पर गोलीबारी की थी। इस हमले में कई खिलाड़ी, जैसे कप्तान महेला जयवर्धने, अजंता मेंडिस, और चमिंडा वास घायल हुए थे, जबकि पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों की भी जान गई थी।
पाकिस्तान में क्रिकेट की वापसी पर सवाल
10 साल बाद पाकिस्तान में हुई थी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी
इस घटना के बाद, विदेशी क्रिकेट टीमों ने पाकिस्तान का दौरा करने से मना कर दिया था। लगभग 10 वर्षों तक, पाकिस्तान को अपने घरेलू मैच संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जैसे तटस्थ स्थलों पर खेलने पड़े।
दिसंबर 2019 में श्रीलंका की टीम के पाकिस्तान दौरे के साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी हुई थी। हालिया धमाके के बाद, सुरक्षा को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं, जिससे पाकिस्तान में क्रिकेट के भविष्य पर संदेह गहरा गया है।