टॉक्सिक वर्क कल्चर: एक महिला की नौकरी की कहानी
नई दिल्ली: वर्क लाइफ बैलेंस की चुनौती
नई दिल्ली: आजकल ऑफिस और घर के बीच संतुलन बनाना बेहद कठिन हो गया है। कई कंपनियों में काम करने का माहौल इतना विषैला हो गया है कि वह चर्चा का विषय बन रहा है। हाल ही में एक 24 वर्षीय महिला ने भारत की एक प्रमुख एसेट मैनेजमेंट कंपनी में अपनी नौकरी के अनुभव साझा किए हैं।
महिला का अनुभव
महिला ने बताया कि उसका टीम लीडर उसे परेशान करता है। उसने कहा, "मेरा लीडर मुझसे 14 घंटे काम करने के बाद सुबह 2:45 बजे जवाब देने की उम्मीद करता है।" एक रेडिट पोस्ट में, उसने उस मानसिक तनाव और विषैले कार्य वातावरण के बारे में खुलकर बात की जिसका सामना उसे प्रतिदिन करना पड़ता था।
महिला ने पोस्ट में क्या लिखा?
महिला ने उल्लेख किया कि वह लगभग दो हफ्तों से हर दिन वीकेंड मिलाकर 14 घंटे काम कर रही थी। इसके बावजूद, उसके टीम लीडर ने उसे सुबह 2:45 बजे एक संदेश भेजा और तुरंत जवाब की अपेक्षा की। जब उसने सोने के कारण जवाब नहीं दिया, तो उसके मैनेजर ने उसकी शिकायत की।
महिला की मानसिक स्थिति
महिला ने लिखा कि यह सब देखकर ऐसा लगता है कि सुबह 3 बजे ऑनलाइन रहना उसके काम का हिस्सा बन गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उसे आधी रात को जवाब देने के लिए माफी भी मांगनी पड़ी। उसने कहा कि उसने पहले भी अपने मैनेजर के खिलाफ शिकायत करने की कोशिश की, लेकिन हर बार स्थिति और भी खराब हो गई। उसने कहा, "मेरा मैनेजर? बिल्कुल बेकार है। वह बस हर बात मान लेता है।"
महिला की निराशा
महिला ने कहा कि इस निरंतर तनाव और दबाव के कारण वह काफी निराश हो चुकी है। उसने यह भी बताया कि उसे समझ नहीं आ रहा है कि उसे नौकरी छोड़ देनी चाहिए या दूसरी नौकरी मिलने तक इंतजार करना चाहिए, क्योंकि यह नौकरी उसकी मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है।
यूजर्स के रिएक्शन
रेडिट पर यह पोस्ट वायरल होते ही यूजर्स ने कई प्रतिक्रियाएं दीं। कई लोगों ने अपने ऑफिस के विषैले कार्य वातावरण के बारे में कहानियां साझा कीं। कुछ ने महिला को सलाह दी कि उसे सीमाएं तय करनी चाहिए और स्वस्थ कार्य संस्कृति का ध्यान रखना चाहिए। एक यूजर ने कहा, "आपको दूसरी नौकरी तो मिल जाएगी लेकिन दूसरी जिंदगी नहीं।"