एयर इंडिया दुर्घटना: पायलट के पिता ने औपचारिक जांच की मांग की
एयर इंडिया विमान दुर्घटना का मामला
एयर इंडिया विमान दुर्घटना: 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने से देश में हड़कंप मच गया था. इस हादसे में 241 यात्रियों सहित कुल 260 लोगों की जान चली गई. अब इस विमान के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के 91 वर्षीय पिता पुष्कराज सभरवाल ने जांच की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से विमान (दुर्घटना और घटना जांच) नियम, 2017 के नियम 12 के तहत औपचारिक जांच की मांग की है, ताकि उनके बेटे की छवि पर लगे दाग को हटाया जा सके.
पायलट की छवि पर उठे सवाल
पायलट की छवि पर सवाल:
पुष्कराज ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि प्रारंभिक जांच की चुनिंदा जानकारी लीक होने से यह अफवाह फैलाई गई कि कैप्टन सुमित मानसिक दबाव में थे और आत्महत्या की सोच रहे थे. उन्होंने इसे अपने बेटे की प्रतिष्ठा पर हमला बताया, जो संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार है. पुष्कराज ने कहा कि ऐसी अफवाहों ने उनकी सेहत और मानसिक स्थिति को गहरा आघात पहुंचाया है.
प्रारंभिक रिपोर्ट पर आपत्ति
प्रारंभिक रिपोर्ट पर आपत्ति:
एएआईबी की 12 जुलाई को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए पुष्कराज ने इसे अपूर्ण और भ्रामक बताया. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में दुर्घटना के कारणों को स्पष्ट करने के बजाय निर्माता कंपनियों को क्लीन चिट देने की कोशिश की गई है. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की जानकारी लीक होने पर भी उन्होंने नाराजगी जताई, जो जांच की गोपनीयता का उल्लंघन है.
मानसिक स्वास्थ्य की अफवाहों का खंडन
मानसिक स्वास्थ्य की अफवाहों का खंडन:
पुष्कराज ने अपने बेटे के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर फैलाई गई अफवाहों का खंडन किया. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सुमीत अपनी तलाक और मां की मृत्यु के कारण तनाव में थे. पुष्कराज ने स्पष्ट किया कि सुमित का तलाक 15 साल पहले हुआ था और उनकी मां की मृत्यु तीन साल पहले हुई थी. इसके बाद भी सुमित ने 100 से अधिक उड़ानें बिना किसी हादसे के पूरी की थीं.
औपचारिक जांच की आवश्यकता
औपचारिक जांच की जरूरत:
पुष्कराज ने कहा कि नियम 12 के तहत औपचारिक जांच न होने और मीडिया में चुनिंदा जानकारी लीक होने से उनके बेटे की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है. सुमित के पास 15,638 घंटों का उड़ान अनुभव था, जिसमें 8,596 घंटे बोइंग 787-8 पर थे. वे एक लाइन ट्रेनिंग कैप्टन भी थे. पुष्कराज ने मांग की कि एक निष्पक्ष जांच से सच्चाई सामने आए और उनके बेटे का नाम साफ हो.