मंगल देव के प्रभाव और उपाय: जानें कैसे करें मंगल दोष का निवारण
इस लेख में हम मंगल देव के महत्व और उनके प्रभावों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे मंगल की अशुभ स्थिति आपके जीवन में समस्याएं ला सकती है और इसके निवारण के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। हम हल्के और गंभीर मंगल दोषों के लिए उपायों का विवरण देंगे, साथ ही रत्न धारण करने के सही तरीके और मंत्रों की जानकारी भी साझा करेंगे। यदि आप इन उपायों को सही तरीके से अपनाते हैं, तो मंगल देव आपकी जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
Sep 17, 2025, 15:58 IST
| 
मंगल देव का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में मंगल देव को शक्ति, ऊर्जा और साहस का प्रतीक माना जाता है। जब जातक की कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर या अशुभ होती है, तो यह झगड़े, गुस्से, चोट या अन्य कठिनाइयों का कारण बन सकता है। ऐसे में मंगल देव को संतुलित करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि मंगल देव हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करते हैं और यदि कुंडली में उनकी स्थिति शुभ नहीं है, तो किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही, हम मंगल दोष से मुक्ति के लिए कुछ प्रभावी उपाय भी साझा करेंगे। यदि आप इन उपायों को सच्चे मन से करते हैं, तो मंगल देव आपको जीवन में सफलता, शक्ति और शांति प्रदान कर सकते हैं।
मंगल देव की पहचान
ज्योतिष में मंगल देव को मेष और वृश्चिक राशियों का स्वामी माना जाता है और यह एक पुरुष ग्रह हैं। मंगल अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और साहस, शक्ति, ऊर्जा, जीवटता, उत्साह और पहल का प्रतीक हैं। यह शरीर में पाचन तंत्र और रक्त का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। मंगल देव गुस्से को नियंत्रित करते हैं और जातक के स्वभाव में हिंसक प्रवृत्ति का संकेत देते हैं। इसके अलावा, मंगल खेल और एथलेटिक्स का भी कारक है और सैन्य पेशे या कानून प्रवर्तन से जुड़े मामलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हल्के कष्टों के लिए उपाय
रोजाना हनुमान जी की पूजा करना चाहिए।
हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करें।
अपने मित्रों और भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखें।
सोना, चांदी और तांबा मिलाकर बनी अंगूठी अनामिका उंगली में पहनें।
मंगल दोष से मुक्ति के लिए विकलांग लोगों को मिठाई का दान करें और उनका आशीर्वाद लें।
चांदी की चेन या अन्य चांदी की वस्तुएं धारण करें।
महिलाएं चांदी की पायल पहनने से मंगल दोष से राहत पा सकती हैं।
मंगलवार को देसी घी का हलवा बनाकर खुद खाएं और दूसरों में बांटें।
दूध में शहद मिलाकर पीने से कुंडली में मंगल मजबूत होता है।
कौवों और कुत्तों को मीठी रोटी खिलाएं।
यदि किसी विद्युत उपकरण में खराबी हो, तो उसे तुरंत ठीक कराएं या हटा दें।
गंभीर दोषों के लिए उपाय
मंगल देव के गंभीर दोषों से बचने के लिए लाल चंदन से मंगल देव की मूर्ति बनवाएं। उन्हें लाल वस्त्र और लाल माला के साथ सजाएं और ध्यान करें।
पूजा में लाल फूल, अगरबत्ती, वस्त्र, दीपक, धूप और गुग्गुल का उपयोग करें।
मंगल देव की मूर्ति जिस धातु में हो, उसके अनुसार भोग लगाएं और दान करें।
मंगल के गंभीर दोषों से बचने के लिए मंत्र का 10,000 बार जाप करें।
हवन के लिए खैरा लकड़ी का उपयोग करें और हवन सामग्री में घी, दही, शहद मिलाकर अग्नि में अर्पित करें।
ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।
रत्न उपाय
मूंगा रत्न मंगल देव का रत्न माना जाता है।
रत्न धारण करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
अंगूठी बनाने के लिए सोने की धातु का उपयोग करें।
इस अंगूठी को मंगलवार के दिन और शुक्ल पक्ष में पहनें।
अंगूठी पहनने का सही समय दोपहर 12:30 बजे के आसपास होना चाहिए।
मूंगा को बाएं हाथ की अनामिका उंगली में पहनें।
इसे दाएं हाथ की अनामिका उंगली में भी पहन सकते हैं।
मंत्र
ॐ भौमाय नमः
बीज मंत्र
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः